अररिया(ARARIA): ओ मांझी रे, अपना किनारा, नदिया की धारा है ओ मांझी रे ... फ़िल्म खुशबू का यह गाना जिसे गुलजार साहब ने लिखा था और किशोर कुमार ने गाया था. आज यह गाना उस समय तरोताजा हो गया जब अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने पिपरा बिजवार से रतवा नदी को पार करने के लिए नाव की पतवार खुद थाम ली. दरअसल सांसद छपनिया गांव में उस शोक संतप्त परिवार से मिलने जा रहे थे, जिस परिवार में एक दम्पत्ति की मौत 17 अगस्त को सड़क हादसे में हो गयी थी. अररिया से पलासी के पिपरा बिजवार पहुंचने के बाद सांसद प्रदीप कुमार सिंह को रतवा नदी पार कर छपनिया गांव पहुंचना था और किनारे पर नाविक की नाव भी खड़ी थी. लेकिन नाविक कहीं निकला हुआ था. सांसद की ओर से खबर मिलने के बाद नाविक नाव को तट से खोलकर पानी में लेकर पहुंचा ही था कि इस दौरान बांस का पतवार सांसद ने खुद थाम लिया और नाव को नदी पार कराने की जुगत में लग गये. बार-बार नाविक सांसद से नाव को उसे खेने देने की मांग कर रहे थे, लेकिन सांसद ने उन्हें सम्मानपूर्वक बिठाते हुए खुद ही नाव को खेते हुए पार करने की जुगत में लग गये. उन्होंने नाव को सुरक्षित पार भी करा दिया. सांसद के साथ नाव पर उसके अंगरक्षक समेत अन्य लोग भी मौजूद थे.
सांसद ने कही ये बात
मौके पर सांसद ने कहा कि उनका भी बचपन नदी के किनारे गांव में बीता है. जहां वे बचपन में खेल-खेल में नाव को पतवार के मदद के खेने का काम करते थे. लेकिन समय के परिवर्तन के साथ गांव की वह अल्हड़ता और बालपन छिन से गया. जब उन्होंने आज नदी के तट पर नाव देखा तो अपने उन दिनों को याद करते हुए नाव को खेने में लग गये. जिससे उन्हें काफी संतुष्टि मिली और नाविकों की ओर से किये जाने वाले शारीरिक परिश्रम को जानने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि नदी के तट वाले नाविकों की सुरक्षित नाव को नदी के पार करना बड़ी जिम्मेवारी होती है और उनके लिए ऐसे काम करने वाले नाविकों के प्रति दिल में गहरी आस्था है.
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