पटना(PATNA): बिहार के बजट सत्र के दूसरे दिन डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया. विधानसभा चुनाव से पहले यह नीतीश सरकार का आखिरी बजट पेश है. सम्राट चौधरी ने 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 38000 करोड़ अधिक है, उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटा 3% के करीब रखा गया है.

पढ़ें बजट की खास बातें

- राज्य के 21 कृषि उत्पादन बाजार प्रांगणों के आधुनिकीकरण एवं समुचित विकास के लिए कुल 1,289 करोड़ रुपये की लागत पर योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है.अन्य सभी बाजार समिति प्रांगण को कार्यशील किया जायेगा.

- राज्य सरकार द्वारा नेशनल कोऑपरेटिव कन्ज्यूमर फेडरेशन, नेफेड से समन्वय कर अरहर, मूग, उड़द इत्यादि का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करते हुए क्रय किया जायेगा.

- राज्य के सभी अनुमंडलों एवं सभी प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना

- प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति के उत्पाद को उचित मूल्य एवं विपणन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन फेडरेशन (VEGFED) द्वारा सुधा के तर्ज पर संयुक्त रूप से राज्य के सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तर पर 'तरकारी सुधा' आउटलेट की व्यवस्था

 

- बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन फेडरेशन के तहत कुल तीन संघों के अधीन अब तक कुल 302 प्रखंड स्तरीय प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया गया.आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य के शेष सभी प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों का गठन होगा और संघ से संबद्ध किया जायेगा.

 

- राज्य के प्रत्येक पंचायत में गरीब कन्याओं के विवाह के लिए राज्य सरकार के द्वारा चरणबद्ध तौर पर कन्या विवाह मण्डप का निर्माण होगा.इसमे बहुत ही कम शुल्क पर विवाह भवन एवं विवाह से संबंधित सभी सुविधायें उपलब्ध हो सकें तथा इसका संचालन भी महिला स्वयं समूहों द्वारा ही कराया जायेगा.

 

- पटना में महिला हाट की स्थापना.सभी बड़े शहरों में स्थापित व्यापार स्थल में महिलाओं के लिए स्थल को कर्णाकित किया जाएगा.

 

- प्रायोगिक तौर पर पटना में चलन्त व्यायामशाला की शुरूआत की जाएगी तथा इसमें प्रशिक्षक भी सिर्फ महिलाएँ होंगी.

 

- राज्य के सभी शहरों में महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट की स्थापना की जाएगी. प्रथम चरण में एक माह के अंदर 20 पिंक टॉयलेट स्थापित किये जायेंगे.

 

- राज्य के सभी जिलों में बस स्टैंड को चरणबद्ध तरीके से आधुनिक रूप से विकसित किया जायेगा.

 

- बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2025" तैयार की जा रही है, जो राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने एवं निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से एक गतिशील तंत्र के रूप में कार्य करेगी.

- स्थायी और वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करके राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम मूल्यवर्धन एवं रोजगार सृजन हेतु "बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति. 2025" लागू की जाएगी.

 

- बिहार को एक प्रमुख फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण विनिर्माण केन्द्र के रूप में बढ़ावा देने, फार्मास्युटिकल क्षेत्रों द्वारा पर्यावरण अनुकूल विनिर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देने, अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र विकास के साथ शैक्षणिक और औद्योगिक विकास के अवसरों को प्रोत्साहित करके फार्मास्युटिकल क्षेत्र के लिए एक नवाचार और अनुसंधान एवं विकास केन्द्र बनाने तथा राज्य में रोजगार सृजन सुविधाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'बिहार फार्मास्युटिकल प्रमोशन पॉलिसी, 2025" लागू की जाएगी.

 

- बिहार में प्लास्टिक विनिर्माण के लिए "बिहार प्लास्टिक विनिर्माण प्रोत्साहन नीति, 2025" लागू की जाएगी.

 

- उद्यमिता विकास संस्थान का जीर्णोद्धार कर इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' के रूप में विकसित किया जायेगा.

 

- राज्य के प्रमुख शहरों में कामकाजी महिलाओं को स्वस्थ एवं सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से कामकाजी महिला छात्रावास की स्थापना एवं संचालन हेतु पृथक नियमावली एवं कार्य योजना तैयार किया जाएगा.

 

- गुड़ के लिये एक "सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स' की स्थापना पूसा (समस्तीपुर) में की जायेगी.

 

- देश में हैदराबाद, बेंगलुरू, मुंबई, दिल्ली एनसीआर, कोलकाता, गुवाहाटी, सूरत, लुधियाना, कोयम्बटूर एवं चेन्नई में प्रवासी परामर्श सह निबन्धन केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिससे राज्य के प्रवासी श्रमिकों को लाभ मिल पाएगा.

 

- वर्तमान में राज्य के 534 प्रखंडों में से 358 प्रखंडों में अंगीभूत / राजकीय डिग्री महाविद्यालय नहीं है.इन प्रखंडों में चरणबद्ध तरीके से एक-एक डिग्री महाविद्यालय (सरकारी/ निजी) की स्थापना सुनिश्चित की जायेगी.

 

- वर्ग 01 से 10 तक के सामान्य श्रेणी के छात्रों (अल्पसंख्यक सहित) की छात्रवृति दर को दोगुना किया जायेगा.

 

- निजी क्षेत्र के सहयोग से राज्य में नए निजी मेडिकल कॉलेज संचालित किये जायेंगे.

 

- निजी जन भागीदारी के आधार पर नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे

 

- राज्य के बड़े अनुमंडलों में अनुमंडलीय अस्पताल के अतिरिक्त एक अन्य रेफरल अस्पताल का निर्माण किया जायेगा.

 

- राज्य सरकार द्वारा लोक स्वास्थ्य प्रबंधन संवर्ग का सृजन किया जाएगा.

 

- सम्पूर्ण राज्य में शहरी क्षेत्रों के लिए, विशेष रूप से वंचित वर्ग के लोगों के लिए, स्लम क्षेत्रों इत्यादि के लिए नगर चिकित्सा सुविधा केन्द्रों की स्थापना की जाएगी. प्रथम चरण में बिहार राज्य के सभी 9 प्रमण्डलों के जिला मुख्यालयों में 108 चिकित्सा केन्द्रों को स्थपित किया जाएगा.

 

- कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम एवं इलाज हेतु "बिहार कैंसर केयर सोसाईटी" की स्थापना की जायेगी.

 

- बेगूसराय में एक कैंसर अस्पताल की स्थापना की जाएगी.

- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के छात्रों को दिये जाने वाले प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति दर को दोगुना किया जायेगा, जिस पर राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त लगभग 280 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय अनुमानित है.

 

- मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास अनुदान योजना अन्तर्गत छात्रावास अनुदान की वर्तमान दर 1,000 रुपये प्रतिमाह को दोगुना कर 2000 रुपये प्रतिमाह किया जायेगा.

 

- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की आबादी वाले वैसे 40 प्रखंड, जिसमें 50,000 या उससे अधिक आबादी है तथा पूर्व से आवासीय विद्याालय संचालित नहीं है, उनमें एक-एक 720 आवासन वाले विद्यालय की स्थापना की स्वीकृति के आलोक में 14 आवासीय विद्यालयों का निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में कराया जायेगा.

 

- बिहार के सभी प्रमंडलों में राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप खेल अवसंरचना का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जाएगा. पटना प्रमंडल के पुनपुन प्रखण्ड में कुल 100 एकड़ की भूमि चिन्हित कर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण कर खेल अवसंरचना का निर्माण कार्य प्रारम्भ करने की योजना है.

- प्रत्येक प्रखंड में एक आउटडोर स्टेडियम की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी.

 

- किसी भी प्रकार के साईबर एवं प्राकृतिक आपकी स्थिति में राज्य सरकार की महत्वपूर्ण गतिविधि अपनी ही इसके लिए डाटा सेंटर हेतु रिकवरी सेवाएँ होना आवश्यक है.इसके लिए डिजास्टर रिकवरी (बी०आर०) एण्ड बिजनेस कंटीन्यूटी फॉर बिहार स्टेट वाटा सेंटर परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा.

 

- राज्य के प्रमुख शहरों में महिलाओं के लिए पिंक बस का परिचालन किया जाएगा, जिसमें चालक एवं कण्डक्टर सभी महिलाएँ होगी.

 

- चालक एवं कण्डक्टर के रूप में महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा तथा बिहार राज्य पथ परिवहन निगम से चालक, कण्डक्टर एवं डिपो मेन्टेनेंस स्टाफ के पदों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की जायेगी.

- महिला स्व-रोजगार को बढ़ावा देने हेतु महिला चालकों को ई-रिक्शा एवं दो पहिया वाहन के व्यावसायिक परिचालन हेतु क्रय करने पर नगद अनुदान का प्रावधान किया जाएगा.

 

- राज्य के प्रमुख शहरों में महिला वाहन परिचालन प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जाएगी, जिसमें प्रशिक्षक भी महिलाएँ होंगी.

- राज्य के नहर के किनारे खाली जगहों तथा बाँधों पर सोलर पॉवर प्लाट अधिष्ठापित किये जायेंगे.

 

- बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड की घोषणा.इसमें प्रारंभिक सीड फंडिंग के रूप में राज्य सरकार द्वारा 25 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. यह फंड सीड फंडिंग की तुलना में कई गुना निवेश को आकर्षित करेगा, जो बिहार को जलवायु अनुकूलन एवं कार्बन-न्यूट्रल बनाने में मदद करेगा.

 

- राज्य में वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु तथा वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु 100 करोड़ रुपये की लागत से Bihar Clean Air Transformation परियोजना का क्रियान्वयन.

 

- पर्व त्योहार विशेषकर महिलाओं द्वारा संचालित छठ पूजा के अवसर पर धार्मिक पर्यटन योजना की शुरूआत की जायेगी.इसमें होम स्टे को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद प्रदान किया जाएगा.

 

- प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं को पर्यटन गाईड के रूप में प्रशिक्षित कर रोजगार का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा.

 

- पूर्णिया हवाई अड्डा का निर्माण किया जा रहा है, जिसे शीघ्र ही चालू किया जायेगा.

 

- राजगीर, सुल्तानगंज (भागलपुर) एवं रक्सौल में हवाई अड्‌डा विकसित करने हेतु कार्रवाई की जायेगी. इसी प्रकार छोटे हवाई अड्डा भागलपुर, वाल्मीकिनगर, वीरपुर (सुपौल), मधुबनी, मुंगेर और सहरसा हवाई अड्‌डा के साथ मुजफ्फरपुर हवाई अड्डे को उडान योजना के तहत विकसित किया जाएगा.

 

- दिल्ली और मुम्बई में Integrated Centre of Bihar की स्थापना.

 

-  महिला सिपाहियों को पदस्थापन थाने के आस-पास आवासन सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा किराये पर आवास लेकर आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी.

- वित्तीय वर्ष 2025-26 में मौसम संबंधित आपदाओं के जोखिम को कम करने के उद्देश्य से एक सुदृढ़ एवं सक्षम मल्टी हैजार्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम (Multi Hazard Early Warning System) के अन्तर्गत एक हाईब्रिड डॉपलर वेदर रडार नेटवर्क (Hybrid Doppler Weather Radar Network) के निर्माण का प्रस्ताव। प्रथम चरण में पश्चिम चम्पारण जिला तथा भागलपुर जिला में इसकी स्थापना.