पटना(PATNA): नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से कार्तिक कुमार को लेकर राजनितिक गलियारों में बवाल मचा हुआ है. कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार अपहरण के एक मामले में फरार घोषित हैं. उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया है. विधि मंत्री कार्तिकेय कुमार के अधिवक्ताओं ने इस मामले को लेकर आज 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पूरे मामले की जानकारी दी. कानून मंत्री कार्तिक कुमार के वकीलों ने कहा कि मंत्री कार्तिक सिंह के फरार होने की जो खबरें चल रही हैं वह बेबुनियाद हैं. भारतीय संविधान के तहत आपराधिक मुकदमे दो तरह से होते हैं. पहला मुकदमा जो पुलिस जांच में होता है और दूसरा मुकदमा मजिस्ट्रेट के यहां कंप्लेंन केस होता है. वकीलों ने कहा कि स्पष्ट तौर पर कहता हूं कार्तिक कुमार नामजद अभियुक्त नहीं हैं. 

जो प्राथमिकी दर्ज की गई है उसमें कार्तिक कुमार की संलिप्तता बताई नहीं गई है. पुलिसिया जांच में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पूरे मामले में कार्तिक मास्टर के खिलाफ कहीं से भी कोई साक्ष्य नहीं है. अधिवक्ताओं ने कहा कि अंतिम पत्र समर्पित किया गया जिसमें उन्हें निर्दोष पाया गया है. उनके खिलाफ बेलेबल वारंट जारी किया गया था जिसे फिलहाल स्टे मिल गया है. न्यायालय से कोई भी ऐसी नोटिस नहीं मिली जिसमें यह बताया गया हो कि उन्हें 16 अगस्त को पेश होना था.