रांची (RANCHI) : राजधानी रांची के सभी दुकानदार कोरोना की मार झेल कर उभर ही रहे थे कि 10 जून को हुए उपद्रव के बाद कारोबार ठप्प हो गया. रांची के मेन रोड सहित शहर के लगभग सभी हिस्सों में दुकानें शनिवार और रविवार को बंद रहीं. ऐसे में सोमवार को भी दुकानों में रौनक नहीं देखने को मिली। इस कारण  मेन रोड और अपर बाजार का मार्किट प्रभावित रहा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इन दो-तीन दिनों में राजधानी के बाजार को 92 करोड़ रूपए का नुक्सान झेलना पड़ा है. मंगलवार को व्यावसायिक गतिविधियां थोड़ी बहुत सामान्य होती हुई नज़र आ रही हैं. हालांकि प्रशासन ने दुकानों को सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक ही खोलने की अनुमति दी है.

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100 करोड़ से अधिक का कारोबार रहा ठप्प

बता दें की रांची के 12 थाना क्षेत्र में दो दिनों के लिए धारा 144 लागू रही. वहीं रविवार से यह घट कर 6 थाना क्षेत्र में रह गई है. इसमें डोरंडा, चुटिया, हिंदपिड़ी, लोअर बाजार, जगरनाथपूर, कोतवाली शामिल हैं. इसके बावजूद मेन रोड और अपर बाजार की 80% दुकान ही खोली गई . सब्जी मार्किट भी लगी, लेकिन डर के साये में लोग अपने घरों से काफी कम निकले. यही कारण था कि मार्किट में लोगों का हुजूम देखने को नहीं मिला. ऐसे में हर छोटे से लेकर बड़े व्यापारी का धंधा मंदा ही रहा. बाजार की जानकारों के अनुसार सिर्फ अपर बाजार और मेन रोड में करीब 100 करोड़ से अधिक का कारोबार होता हैं. इसमें मेन रोड में 25-30 और अपर बाजार में 65-70 करोड़ का कोबार शामिल है.

जानिए दुकानदारों का पक्ष

डेली मार्किट स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान के संचालक इमरान रजा अंसारी की मानें तो रांची में हुई इस हिंसा के कारण उनका व्यापार काफी प्रभावित हुआ. लगभग चार दिनों का काम बिलकुल ठंडा रहा. इससे उन्हें आर्थिक नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है. लेक लोड स्थित कपड़ों के व्यवसाई मोहम्मद ज़बीउल्लाह ने बताया कि उनका व्यापार कोरोना के कारण पहले से ही त्रस्त था. अब हिंसा के कारण उन्हें फिर नुकसान झेलना पड़ा हैं. वहीं डेली मार्किट स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान चलाने वाले सुनील गुप्ता का कहना है कि रविवार को डेली मार्किट बंद रहने के कारण सोमवार को बाजार में भारी भीड़ होती थी. लेकिन इस बार सोमवार को उनकी कुछ खास आमदनी नहीं हो पाई. प्रशासन ने दुकान खोलने की अनुमति तो दे दी लेकिन ग्राहक दुकानों में पहुंच ही नहीं रहे हैं.