TNP DESK- बिहार में चुनाव नेताओं को गांव-गांव ,इलाके- इलाके घुमने को  विवश कर दिया है.  यात्रा पर यात्रा निकल रही है.  कभी नीतीश कुमार की यात्रा, कभी महागठबंधन की यात्रा, कभी जनसुराज  की यात्रा और अब सांगा  यात्रा.  बिहार में सभी समाज और जाति के गारंटर है.  लालू  यादव- यादव समाज के गारंटर  है.  नीतीश कुमार -कुर्मी  समाज के गारंटर  हैं ,चिराग पासवान -पासवान समाज के गारंटर है.  जीतन राम मांझी- मांझी  समाज के गारंटर  है.  राजपूत का कोई गारंटर  नहीं था, लेकिन अब गारंटर  मिल गया है.  यह बात भाजपा के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी ने कही है. 

सांसद ने अपना नाम नहीं  लिया लेकिन इशारा साफ़ था 
 
 हालांकि राजपूत जाति  के गारंटर  के रूप में उन्होंने आपका अपना नाम नहीं लिया है.  लेकिन इशारा किया कि  सांगा  यात्रा से राजपूत को भी गारंटर  मिल गया है.  उनका कहना है कि बिहार विधानसभा की 70 सीट  ऐसी है, जहां राजपूत समाज के लोग या तो जीत सकते हैं या फिर किसी को भी जिता  सकते है.  बिहार के जाति  सर्वे में राजपूत की आबादी 3.50   प्रतिशत आने पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि अगर इस आंकड़े को मान  भी लिया जाए, तो उस हिसाब से 40- 50 लाख राजपूत की संख्या है.  जो देश के लगभग सात  राज्यों की जनसंख्या से अधिक है. 

सांगा  यात्रा से बिहार के राजपूतो को मिल गया है गारंटर 
 
उन्होंने बिना अपना नाम लिए कहा कि बिहार में राजपूत समाज के पास अब तक कोई गारंटर  नहीं था, जो उनके सांगा  यात्रा से मिल गया है. उन्होंने बिहार में अपनी यात्रा की चर्चा करते हुए कहा है कि मुगलों से लड़ने के लिए राणा सांगा ने सभी राजपूत को एकजुट किया था.  उसी तरह वह गांव-गांव में राजपूतों को एकत्रित कर रहे है .  इस यात्रा का मकसद है कि आने वाली "लड़ाई" में राजपूत समाज को मजबूत किया जाए, ताकि वह गरीबों के पीछे खड़े हो सके और  बिहार के विकास में भूमिका निभा सके.  यह  तलवार या गोली से नहीं, बल्कि पॉजिटिव नेतृत्व से ही संभव है.  

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो