टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : वैसे तो झारखंड में कुल छोटी-बड़ी जेलों को मिलाकर 31 जेल है. लेकिन राज्य में कुछ ऐसे भी जेल हैं जिसका नाम मात्र सुनने से ही अपराधियों में खौफ पैदा हो जाता है. राज्य की कुछ जेलें इतनी कड़ी सुरक्षा और सख्त नियमों के लिए मशहूर हैं कि बड़े-बड़े अपराधी भी वहां जाने से डरते हैं. यहां हम झारखंड की तीन सबसे खतरनाक जेलों के बारे में बता रहे हैं, जिनके नाम से ही अपराधियों की नींद उड़ जाती है.

मेदिनीनगर सेंट्रल जेल

अगर बात करें राज्य की सबसे संवेदनशील जेल के बारे में तो पलामू के मेदिनीनगर सेंट्रल जेल का नाम सबसे पहले आता है. क्योंकि यहां बड़े नक्सली और कुख्यात गैंगस्टर बंद हैं. सुरक्षा के लिहाज से भी यह सबसे संवेदनशील जेलों में से एक है. झारखंड की अन्य जेलों में भी बड़े अपराधी बंद हैं, जिनमें खतरनाक कैदियों को रखा जाता है. कुछ बड़े कैदियों को सुरक्षा कारणों से हजारीबाग जैसी अन्य केंद्रीय जेलों में भी स्थानांतरित किया जाता है, जिससे अन्य जेलें भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं.

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार, रांची

अगर झारखंड की सबसे बड़ी और सुरक्षित जेल की बात की जाए तो राजधानी रांची में स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा का नाम आता है. इस जेल में कई कुख्यात नक्सली, सुपारी किलर और गैंगस्टर बंद हैं. बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था है, जिसमें सीसीटीवी के ज़रिए हर गतिविधि पर नज़र रखी जाती है. जेल में मोबाइल फ़ोन, ड्रग्स या किसी भी तरह का अवैध सामान ले जाना लगभग नामुमकिन है. वहीं बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा का नाम कई हाई-प्रोफाइल मामलों से जुड़ा है, जैसे चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को एक बार यहां रखा गया था. इसके अलावा, कई कुख्यात नक्सली कमांडर भी यहां कैद हैं. यहां जेल के नियम तोड़ने पर कैदियों को कड़ी सज़ा दी जाती है, जिसके कारण यह जेल अपराधियों के लिए खौफ का दूसरा नाम माना जाता है.

होटवार जेल, रांची

वहीं झारखंड की सबसे हाईटेक जेल की बात की जाए तो बिरसा मुंडा जेल परिसर का एक हिस्सा मानी जाने वाली होटवार जेल का नाम आता है. यहां सुरक्षा इतनी कड़ी है कि हर बैरक पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जाती है. यह जेल विशेष रूप से नक्सलियों और बड़े अपराधियों को रखने के लिए बनाई गई है. इस हाईटेक में हर कैदी पर बायोमेट्रिक सिस्टम से नज़र रखी जाती है. होटवार जेल में कैदियों को भागने का कोई मौका नहीं मिलता. अगर कोई अपराध जेल से भागने या अनुशासन तोड़ने की कोशिश भी करते हैं तो उनपर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाती है.

हज़ारीबाग सेंट्रल जेल

हज़ारीबाग सेंट्रल जेल अपनी कड़ी अनुशासन व्यवस्था और कठोर नियमों के लिए जानी जाती है. यह जेल नक्सल प्रभावित इलाकों के अपराधियों और कुख्यात बदमाशों को रखने का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. इस जेल की दीवारें इतनी मज़बूत और ऊंची हैं कि भागने की कोशिश करना नामुमकिन है. यहां पर कैदियों की दिनचर्या बेहद सख्त है, जैसे कि-सुबह जल्दी उठना, नियमित श्रम करना और नियमों का पालन करना अनिवार्य है. झारखंड के सभी जेलों में समय-समय पर तलाशी अभियान चलाए जाते हैं, ताकि किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों को रोका जा सके.

ये हैं झारखंड के अलग-अलग जिलों की 31 जेलें

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची, मंडल कारा धनबाद, मंडल कारा लोहरदगा, मंडल कारा जामताड़ा, मंडल कारा पाकुड़, मंडल कारा गोड्डा, जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग, केंद्रीय कारा दुमका, केंद्रीय कारा घाघीडीह, जमशेदपुर, केंद्रीय कारा डाल्टनगंज पलामू, केंद्रीय कारा देवघर, केंद्रीय कारा गिरिडीह, मंडल कारा चाईबासा, मंडल कारा गुमला, मंडल कारा सरायकेला, मंडल कारा चास, मंडल कारा तेनुघाट, मंडल कारा सिमडेगा, मंडल कारा लातेहार, मंडल कारागार गढ़वा, मंडल कारा कोडरमा, मंडल कारा चतरा, मंडल कारा साकची, उप जेल घाटशिला, उप जेल खूंटी, उप जेल रामगढ़, उप जेल बरही, उप जेल राजमहल, उप जेल मधुपुर, खुला जेल हजारीबाग.