पाकुड़(PAKUR): झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की विवादित भर्ती प्रक्रिया ने एक और जान ले ली. महेशपुर प्रखंड में पदस्थापित सहायक अध्यापक राजेश कुमार प्रमाणिक ने फाइनल लिस्ट से नाम बाहर किए जाने से आहत होकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी. जानकारी के अनुसार, राजेश का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पूरा हो चुका था. इसके बावजूद जब अंतिम सूची में उनका नाम गायब पाया गया तो वह गहरे अवसाद में चले गए और अंततः आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो गए.
JSSC की इस कार्यप्रणाली के खिलाफ शिक्षक संगठनों में भारी आक्रोश है. शिक्षकों का कहना है कि आयोग ने नोर्मलाइजेशन की आड़ में योग्य उम्मीदवारों की मनमाने तरीके से छंटनी की. कई ऐसे अभ्यर्थी जिनका नाम काउंसलिंग तक में आया था, उन्हें भी फाइनल लिस्ट से बाहर कर दिया गया. DV वंचित ग्रुप और TET पास संघ ने इस घटना को JSSC की सीधी लापरवाही करार देते हुए सरकार से मांग की है कि आयोग के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए. मृतक शिक्षक के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा मिले. जिला सचिव कलीमुद्दीन अंसारी, दीपक साहा, पिंटू मंडल, उत्तम परमाणिक समेत कई शिक्षकों ने कहा यह सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि JSSC की अन्यायपूर्ण व्यवस्था की बलि है. हमने 20 साल तक मेहनत की, लेकिन पास होकर भी फेल कर दिए गए। आज पूरा शिक्षक समाज शोक और गुस्से में है.
रिपोर्ट: नंदकिशोर मंडल
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