टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : कोरोना को लेकर एक पैनिक सी स्थिति देश में पहली लहर से ही देखी जा रही है. सर्दी-जुकाम या और कोई लक्षण मिले ना मिले आनन फानन में ताबड़-तोड़ टेस्ट और दवाओं के सेवन की प्रवृति कितनी नुकसानदेह है, यह हम पिछली लहर के दौरान ब्लैक फंगस और अन्य समस्याओं को झेलते हुए देख चुके हैं. भारत, अमेरिका और कनाडा के डॉक्टरों ने इसी बाबत चेतावनी दी है और कहा है कि कोरोना के इलाज में बेमतलब के टेस्ट और दवाओं का इस्तेमाल कर 2021 की गलतियों को दोहराया जा रहा है.
भारत, अमेरिका व कनाडा के 32 डॉक्टरों के एक समूह ने आईएमए, केंद्र सरकारों और राज्यों को इस बाबत खत लिखा है. खत में कोविड की तीसरी लहर में एविडेंस बेस्ड रिस्पॉन्स की अपील की है.चेतावनी देते हुए साफ तौर पर ऐसी जांच और दवाओं के सेवन को रोकने की अपील की है, जिसकी कोरोना में कोई दरकार ही नहीं. इतना ही नहीं, जब तक बहुत जरुरी न हो, अस्पताल में भर्ती होने की प्रवृति से भी बचने की सलाह दी है.
डॉक्टरों की अपील, डोंट बी पैनिक, ताबड़-तोड़ टेस्ट और दवाओं से बचें

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