गुमला(GUMLA)- गुमला जिला एक आदिवासी बहुल गरीब इलाका है. जहां की बड़ी आबादी अपनी स्वास्थ्य सुविधा के लिए पूरी तरह से सरकारी व्यवस्था पर आश्रित है. लेकिन झारखंड बनने के लंबे समय बाद भी सदर हॉस्पिटल आज भी आधुनिक सुविधा तो दूर की बात, मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है.

सदर अस्पताल बेहतर सुविधा से वंचित

गुमला जिला 12 ब्लॉक का जिला है जिससे अंदाज लगाया जा सकता है कि जिला काफी बड़ा होने के साथ ही एक बड़ी आबादी वाला जिला है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उतनी बड़ी आबादी वाले जिला के लिए जिस प्रकार से स्वास्थ्य सुविधा होना चाहिए वह नहीं हो पाया है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिला के चेम्बर अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल की माने तो आज लोगों की सुविधा के अभाव में जान जा रही है. लेकिन कोई सुद्धि लेने वाला नहीं है. उनकी माने तो काफी जांच ऐसी है, जिसकी सुविधा भी सदर हॉस्पिटल में नहीं है. वहीं सत्ता में शामिल जेएमएम के वरीय कार्यकर्ता कलीम अख्तर की माने तो वर्तमान की हेमन्त सरकार ने बहुत कुछ किया है, लेकिन और बेहतर सुविधा हो सके इसको लेकर वे सीएम हेमन्त सोरेन से मुलाकात करेंगे.

300 बेड की क्षमता के जगह केवल 100 बेड

जिला के सदर हॉस्पिटल की समस्या को विपक्ष में रहने पर हर पार्टी उठती है. लेकिन सत्ता में आने पर कुछ खास नहीं करती है. कांग्रेस के नेता वर्तमान में मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव सदर हॉस्पिटल की समस्या तो मानते हैं, लेकिन कब तक उसका समाधान होगा इस पर स्पष्ट बोलने से बच रहे हैं.  आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सदर हॉस्पिटल का भवन 300 बेड की क्षमता का होना चाहिए लेकिन महज 100 बेड का है. भवन का एक्सटेंशन आज तक नहीं हुआ.  दरअसल, देश का दुर्भाग्य है कि हर राजनीतिक पार्टी गरीबों का मसीहा होने का दावा तो करती है, लेकिन जब उसे काम करने का अवसर मिलता है, तो वह आराम का जीवन जीने में व्यस्त हो जाता है और जनता की समस्या उस समय उसे याद नहीं रहती है.

रिपोर्ट: सुशील कुमार सिंह, गुमला