टीएनपी डेस्क (TNP DESK) - क्या गर्मी आते ही आप डिहाइड्रेशन की समस्या से परेशान हो जाते हैं ?  क्या आपको  डिहाइड्रेशन  की सही परिभाषा पता हैं ?  क्या आप जानते हैं की सही समय में इसका उचित इलाज नहीं होने से आपकी मौत भी हो सकती हैं ?  इस आर्टिकल में आपको निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन और उससे जुड़ी सभी समस्योओं के बारे में जानकारी के साथ-साथ उससे बचाव के भी कई उपाए की जानकारी मिलेगी.

डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) क्या है?

निर्जलीकरण जिसे अंग्रेजी में डिहाइड्रेशन कहते हैं, तब होता है जब हम जितना तरल पदार्थ लेते हैं, उससे अधिक तरल पदार्थ हमारे शरीर से बाहर निकल जाता है. जब हमारे शरीर में पानी की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है, तो यह शरीर में खनिजों (नमक और चीनी) के संतुलन को गड़बड़ कर देता है. इसके कारण शरीर का कार्य प्रभावित होता है. यदि निर्जलीकरण का समय पर उपचार नहीं किया गया तो यह मस्तिष्क क्षति (Brain damage) और गंभीर मामलों में मृत्यु का कारण भी बन सकता है. इसीलिए गंभीर डिहाइड्रेशन की स्थिति में जल्द से जल्द चिकित्सा सुविधा लेना अति आवश्यक होता हैं.

डिहाइड्रेशन के कारण

डिहाइड्रेशन आमतौर पर पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन न करने या जितना तरल पदार्थ आप लेते हैं, उससे अधिक शरीर से बाहर निकलने के कारण होता है. गर्मी के मौसम में शरीर से पसीना, उल्टी, पेशाब या दस्त के माध्यम से तरल पदार्थ शरीर से अधिक मात्रा में बाहर निकल आता है. वहीं गर्मी के दिनों में चलने वाले गर्म हवायें यानि लू से भी लोग डायरिया के शिकार हो जाते हैं. जिसका परिणाम डिहाइड्रेशन होता हैं.

डिहाइड्रेशन के लक्षण

डिहाइड्रेशन शरीर में पानी की कमी का परिणाम होता है. इस स्थिति में मानव शरीर में कई तरह के असामान्य लक्षण पैदा होते हैं, जिसे हम डिहाइड्रेशन के सिम्पटम्स भी कह सकते हैं. जैसे मन विचलित होना, भूख भी नहीं लगना। यही जब शरीर में पानी की  कमी 4 फीसदी हो जाती हैं  तो व्यक्ति की त्वचा लाल होने लगती है, चिड़चिड़ापन होने लगता है, उसके शरीर का तापमान बढ़ने लगता है, थकावट होने लगती है और यूरिन की मात्रा में भी कमी आ जाती है, कब्ज़ की समस्या, सांस की दुर्गंध, थकान, हृदय गति बढ़ना, ज़्यादा प्यास लगना, लगातार मुंह सूखना, सूखी त्वचा होना, सिरदर्द होना और मांसपेशियों में ऐंठन हो जाना. ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करना आपके लिए ज़रूरी हो जाता हैं.

डिहाइड्रेशन के दुष परिणाम

जब शरीर Dehydrated होते हैं, तो  उस समय शरीर में तरल पदार्थ पर्याप्त सही मात्रा में नहीं होते हैं. और शरीर में पानी की कमी कई तरह के परेशानियों को न्योता देते हैं. ऐसे में पानी की कमी आपके शरीर में खनिज, शक्कर और नमक के संतुलन को बिगाड़ सकती है. यदि डिहाइड्रेशन का समय पर उपचार नहीं किया गया तो यह सास लेने में दिक्कत, ब्रेन फंक्शनिंग में दिक्कत जैसे जानलेवा समस्या उत्पन कर सकता हैं. इसलिए चिकित्सक द्वारा यही सलाह दी जाती हैं की हाइपर डिहाइड्रेशन की स्थिति में तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

ऐसे कर सकते हैं आप निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) को अवॉयड

इस गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए रोज़ाना आप ज़रूर 3.7 और 2.7 लीटर पानी का सेवन करें. जानकारों की मानें तो दिन भर में छोटे छोटे अंतराल में थोड़ा थोड़ा पानी पीने से डिहाइड्रेशन से छुटकारा मिल सकता हैं. इसके साथ ही ज़्यादा से ज़्यादा वाटर एनरिच डाइट जैसे सलाद, फल, नीम्बू पानी, नारियल पानी, जूस, दही के सेवन से भी डिहाइड्रेशन की समस्या दूर हो सकती हैं.

do's  and don’t during dehydration

  • ज़्यादा से ज़्यादा तरल पदार्थो का सेवन करें.
  • एक साथ ज़्यादा मात्रा में पानी पीने की बजाय थोड़े अंतराल में छोटे छोटे मात्रा में पानी पीए.
  •  कॉफ़ी, चाय, और कार्बोहायड्रेट पेय diuretics हैं और ये सभी चीज़ शरीर से ज़्यादा पानी निकलता हैं, इसलिए इनका काम से काम सेवन करें.
  • डिहाइड्रेशन की समस्या के दौरान शरीर में मीठे और नमकीन के बीच का संतुलन बिगड़ जाता हैं, इसलिए इससे बचने के लिए मीठे और नमकीन खाद्य पदार्थो का सेवन ज़रूर करें.
  • ओआरएस (ORS) का प्रयोग करें, यह सॉल्यूसन आपको रिहाइड्रेट करने में मदद करता है.
  • गर्मी में यात्रा के दौरान चीनी-नमक पानी या ग्लूकोस अपने साथ ज़रुर रखें.