धनबाद ( DHANBAD) - के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में  अत्यंत गंभीर रूप से शॉक में गई हुई एक 30 वर्षीय महिला उमा देवी की टीम वर्क के साथ कार्य कर चिकित्सकों ने उन्हें खतरे से बाहर किया. स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ प्रतिभा राय ने बताया कि  उमा देवी नाम की 30 वर्षीय महिला को अत्यंत गंभीर रूप में अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया. महिला का हाथ पैर ठंडा हो गया था, पल्स रेट नीचे की तरफ जा रहा था एवं उसके यूट्रस में भारी ब्लीडिंग हो रही थी.
 
निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज
 
उन्होंने बताया कि पूर्व में महिला का दो बार सिजेरियन ऑपरेशन हुआ था. तीसरी बार एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के क्रम में उसके यूट्रस एवं ब्लैडर में गंभीर रूप से खून का बहाव होने के कारण उक्त निजी अस्पताल ने इलाज में असमर्थता जताई तथा उसके परिजन उसे एसएनएमएमसीएच अस्पताल इलाज हेतु लाये.
डॉ रॉय ने बताया कि उक्त महिला को सीधे ऑपरेशन थिएटर में लाया गया. जहां उनके यूनिट के अलावा अन्य यूनिट के डॉ शशि लाल एवं डॉ राजलक्ष्मी द्वारा मिलकर इलाज करना प्रारंभ किया गया. एसएनएमएनसीएस के सुपरिटेंडेंट डॉ ए के वर्णवाल ने भी सर्जन के रूप में महिला के इलाज में सहयोग किया.

जननी सुरक्षा योजना के तहत मरीज को निशुल्क खून उपलब्ध 
 
उन्होंने बताया कि भारी मात्रा में रक्तस्राव होने के कारण खून की आवश्यकता पड़ने पर जननी सुरक्षा योजना के तहत मरीज को निशुल्क खून उपलब्ध कराया गया तथा 1 घंटे के अथक प्रयास के बाद उक्त महिला को खतरे से बाहर होने के बाद ऑपरेशन थिएटर से निकाल कर दूसरे वार्ड में ले जाया गया.
इस संबंध में डॉ डी पी भूषण ने बताया कि बड़े निजी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी रहती है। जिसके कारण इमरजेंसी की स्थिति में ऐसे मरीजों को जान गंवानी पड़ती है। हमारे अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पूरी टीम मौजूद है। वर्तमान में जिले के नागरिकों में भी एसएनएमएमसीएच अस्पताल के प्रति भरोसा बढ़ा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जच्चा और बच्चा दोनों बिल्कुल स्वस्थ हैं तथा अस्पताल प्रशासन उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता है।