धनबाद (DHANBAD) :  आस्था की बयार नॉर्थ से चल कर साउथ तक कैसे पहुंच गई, यह सुन आप भी हैरत में पड़े बिना नहीं रह पायंगे. सुनी कोख भरने में छठी मईया जैसी कोई नहीं. यह कोई कहावत नहीं बल्कि हकीकत है. मइया पुत्र-पुत्री देती ही नहीं है बल्कि उनकी रक्षा भी करती है. हम जो कहानी बताने जा रहे हैं, वह इन सब की पुष्टि करता है, साथ ही छठ पूजा के प्रति अगाध निष्ठा का संचार भी करता है.

खरना के प्रसाद से शुरू हुई आस्था ..

धनबाद में रहे ग्रामीण एसपी एचपी.जनार्दन की पांच साल पहले शादी हुई थी. उन्हें कोई संतान नहीं थी. उनके घर में सबकुछ था, लेकिन किलकारी की कमी सब को बहुत खलती थी. जब वह वर्ष 2016-17 में धनबाद में पदस्थापित थे तो वह अपनी पत्नी नंदिता के साथ अपने मित्र भाजपा नेता अमरेश सिंह के घर खरना का प्रसाद ग्रहण करने आए. उनकी पत्नी के मन में संतान की चिंता तो थी ही, सो मन में ठाना कि अगर उन्हें संतान हो जाए तो वह भी छठ व्रत करेंगी. उनपर माता की कृपा बरसी और एक साल पहले उनके घर में लक्ष्मी रूपी पुत्री का आगमन हुआ. फिर क्या था, घर में किलकारी से खुशी का माहौल छा गया. उन्होंने मन्नत मांगी थी कि उनको संतान की प्राप्ति होती है तो वह छठ करेंगी. चुंकि धनबाद में रहते हुए उन्होंने मन्नत मांगी थी, सो पहली बार केरल के कोटयम जिले से सपरिवार वे छठ करने धनबाद पहँचे. धनबाद में एसपी एच पी. जनार्दन की पत्नी नंदिता ने अमरेश सिंह के आवास की छत पर पूरे भक्ति भाव से छठ व्रत किया. एचपी जनार्दन इस वक्त झारखंड के पाकुड़ एसपी के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने पूरे मनोयोग से भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. दोनों पति-पत्नी ने पूरे छठ पूजा कि परंपरा के अनुसार छठ का व्रत किया. आज पूरा परिवार खुश है. एक साल की बिटिया भी छठी मइया की पूजा में शामिल हुई. इस अवसर पर भाजपा नेता सह व्यवसायी अमरेश सिंह का कहना है कि ये सब कुछ छठी मइया की महिमा है. 

रिपोर्ट - अभिषेक कुमार सिंह , ब्यूरो , धनबाद