सरायकेला ( SARAIKELA) -बीते दो सालों से जारी कोरोना के संक्रमण काल के बीच दो जून की रोटी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं गरीबों को राहत देने हेतु जहां सरकार मुफ्त अनाज मुहैया करा रही है.वहीं अवैध धंधेबाज सरकार के इस मंसूबों पर पानी फेरते हुए गरीबों का निवाला छीनने पर उतारू है.हद तो यह है कि गरीबों का निवाला छीन कर तिजोरी भरने वाले इन बेशर्मों को न कारोबार करते समय शर्म हया व गैरत दिखती है ना ही चोरी पकड़े जाने पर कोई मलाल हो रहा है.चोरी पकडे जाने पर ठसक देखकर लगता है कि यह कोई जायज  काम ही कर रहे हैं.आइए हम अवैध कारोबारियों के इस कुकर्म के खेल के बारे में आपको बताते हैं.गरीबों का निवाला छीनने वाले इन अवैध कारोबारियों का ताजा मामला सरायकेला जिले के चाण्डिल प्रखंड का है.जहां एन एच 32 के किनारे कांदरबेड़ा के पास आर के इन्टरप्राइजेज कम्पनी के अन्दर विष्णु भण्डार के नाम से भाड़े के गोदाम में चल रहे सरकारी चावल की चोरी तथा उसे रीपैक कर अलग ब्रांड बनाकर चावल बेचने के मामले का पर्दाफाश हुआ.

दूसरे ब्रांड के भरे बोरे में चावल सरकारी चावल ही है

चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत लोहरा को मिली गुप्त सूचना के बाद कार्रवाई में इस पूरे अवैध कांड का खुलासा हुआ.एसडीओ चांडिल के नेतृत्व में चांडिल थाना प्रभारी, ईचागढ़ सीईओ, चांडिल एमओ की संयुक्त टीम द्वारा की गई छापेमारी में सरकारी गेहूं का 100 बोरा और चावल का 100 बोरा और रिचा ब्राण्ड के 1000 बोरा और विभिन्न  ब्राँण्ड में भरे सरकारी  चावल बरामद किया गया.कई घंटे तक चली इस जांच के दौरान यह पाया गया कि यहां पर सरकारी गोदाम के चावल को लाया जाता है तथा चावल को अन लोड कर फिर दूसरे ब्रांड के बोरे में भर इसे बेचा जाता है.जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि दूसरे ब्रांड के भरे बोरे में चावल सरकारी चावल ही है.जिसके बाद एसडीओ के निर्देश पर गोदाम को सील करते हुए तथा सभी सामान को जप्त किया गया और आगे की कार्रवाई की जा रही है. मजे की बात यह रही की अवैध धंधा करने वाला पूरी चोरी पकड़े जाने के बाद पूरे ठसक से यह स्वीकार किया की सरकारी चावल की बिक्री होती है. जिसको वह खरीदना है और बेचता है. अब देखना है गरीबों के निवाला पर डाका डालने वाले इन डकैतों पर कितनी सख्त कार्रवाई होती है.


रिपोर्ट:विकास कुमार(सरायकेला)