दुमका| दुमका जिले के कई इलाकों पर नक्सलियों का दबदबा रहा हैं. जिसे खत्म करने के लिए दुमका जिला पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है. जिससे नक्सलवाद से दुमका के लोगों को जल्द से जल्द छुटकारा मिल सके. साथ ही पुनर्वास नीति के तहत भटके हुए युवाओं को मुख्यधारा में लौटाया जा सके. ऐसे में दुमका पुलिस के लिए ये दिन उपलब्धि भरा रहा. राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रेरित होकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सक्रिय सदस्य गंगा प्रसाद राय ने आत्मसमर्पण कर दिया.
वर्ष 2014 में नक्सली संगठन से जुड़ा था गंगा
काठीकुंड थाना क्षेत्र के मझला सरुवापानी गांव का रहने वाला गंगा प्रसाद राय वर्ष 2014 में नक्सली संगठन से जुड़ा था और वर्ष 2021 तक सक्रिय रहा. गंगा ने एक रेगुलर राइफल के साथ दुमका समाहरणालय के एसपी सभागार में डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल, एसएसबी के डीआईजी टी. दोरजे, डीसी रविशंकर शुक्ला, एसपी अंबर लकड़ा सहित कई वरीय पुलिस पदाधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया. गंगा ने सरकार की नई दिशा कार्यक्रम के तहत समर्पण किया है। तत्काल उसे ₹100000 का चेक प्रदान किया गया.
संथाल में कमजोर हो रहे नक्सली
नक्सली कमांडर ताला दा के मुठभेड में मारे जाने के बाद से ही माओवादी संथाल में कमजोर पडने लगे थे, इस दौरान पुलिस और सुरक्षा बल के द्वारा दुमका के नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार के प्रत्यर्पण एवं पुनर्वास नीति का भी खूब प्रचार-प्रसार किया. जिसका असर भी दिखा, गंगा प्रसाद राय जैसे नक्सली ने सरेंडर कर दिया.
मुख्यधारा में लौटने की अपील
एसएसबी के डीआईजी टी. दोरजे ने राह भटक चुके युवाओं को मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हुए कहा कि सुरक्षा बल के जवान जंगल में माओवादियों को अधिक दिनों तक जीवित नहीं रहने देंगी. डीसी रविशंकर शुक्ला ने कहा कि गंगा प्रसाद राय को प्रत्यर्पण और पुनर्वास नीति के तहत तमाम योजनाओं का लाभ मिलेगा.
रिर्पोट-पंचम झा,दुमका
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