जमशेदपुर-महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और कंपनी में ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी देने में शुरू से टाटा स्टील का योगदान महत्वपूर्ण रहा है.इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए अब टाटा स्टील के वेस्ट बोकारो कोयलरी में महिलाओं ने कोयले के खनन में प्रयुक्त होनेवाले भारी वाहनों को चलाना शुरू किया है.टाटा स्टील ने 16 महिला ऑपरेटरों की नियुक्ति की है.पहले भी टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट में तेजस्विनी प्रोजेक्ट के तहत महिलाएं भारी वाहन सालों से चला रही है, और अब वेस्ट बोकारो कोयलरी में भी महिलाओं ने पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाना शुरू कर दिया है.
वुमेन माईंस के तहत सभी शिफ्टों में 16 महिला तैनात
टाटा स्टील वेस्ट बोकारो ने वुमेन माईंस के तहत सभी शिफ्टों में 16 महिला हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) ऑपरेटरों को तैनात किया. एक छोटे से समारोह में ये नियुक्ति प्रदान की गई. वुमेन@माईंस अकुशल महिला कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण देने और माईंस के प्रमुख कार्यों में उन्हें दक्ष बनाने के उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था.इस कार्यक्रम को लांच करनेवाला वेस्ट बोकारो डिवीजन कंपनी का पहला कोल डिवीज़न है. जिसकी जानकारी प्रेस रिलीज़ कर दी गई है. बता दे कि 446 से अधिक आवेदन मिले थे,जिन्हें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार से गुजरना पड़ा. इनमें से अंतिम रूप से 16 महिलाओं का चयन हुआ.
वेस्ट बोकारो में इन 16 नई महिलाओं का हैं स्वागत
अब आगे नियुक्ति प्राप्त इन महिलाओं को अगले एक साल तक कड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा.प्रशिक्षण के बाद इन महिलाओं को भारी वाहन चलाने के लिए ऑपरेशंस असिस्टेंट के रूप में तैनाती होगी.ये महिलाएं डंपर, डोज़र, शाॅवेल, एक्सकवेटर वगैरह चलाएंगी.नियुक्ति समारोह में वीपी एचआरएम अत्रैयी सरकार ने अपने संबोधन में बताया की टाटा स्टील ने हमेशा प्रतिभाशाली युवाओं को अवसर प्रदान किए हैं साथ ही वेस्ट बोकारो में इन 16 नई महिलाओं का स्वागत है. उन्होनें कहा की युवा प्रतिभाओं के लिए माईनिंग को एक आकर्षक औऱ लाभदायक प्रस्ताव बनाने की दिशा में कार्य जारी रखा जाएगा.
चुनौतियों का सामना करने से कुछ भी असंभव नहीं है
कार्यक्रम में नवनियुक्त ऑपरेटर सुष्मिता मंडल ने अपनी खुशी को जाहिर करते हुए कहा कि साईकल, बाईक और अब एचईएमएम चलाने तक के इस दौर तक आने में एक लंबा सफर तय किया है. सुष्मिता का कहना है कि जब आप चुनौतियों का सामना करने का मन बना लेते हैं तब आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं रह जाता है. ये अवसर क्षेत्र की सभी महिलाओं के लिए तो बेहतर होगा ही गृहिणियों को भी प्रेरित करेगा.टाटा स्टील 2025 तक 25 प्रतिशत महिला कार्यबल का लक्ष्य लेकर धीरे धीरे आगे बढ़ रही है जो महिला विकास के लिए एक सकारात्मक पहल है.
रिपोर्ट-अन्नी अमृता,जमशेदपुर
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