पलामू(PALAMU)-हैदरनगर क्षेत्र में आये दिन बुजुर्ग और दिव्यांग के पेंशन से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं.जहाँ पर किसी को एक वर्ष तो किसी को चार वर्षो से पेंशन नहीं मिला है.साथ ही इसी कारण बुजुर्ग और दिव्यांग लाभुक प्रखंड कार्यालय और पंचायत प्रतिनिधियों का चक्कर लगा कर थक चुके हैं.लेकिन इसकी सुनने वाला कोई नहीं है। लापरवाह अधिकारी इन लोगों की बात तक सुनने को तैयार नहीं हैं.जबकि अधिकारियों और कर्मचारियों ने पेंशनधारी से कई बार आधार कार्ड,बैंक खाता और अन्य दस्तावेज की मांग की है, इसके बावजूद अब तक पेंशन नहीं शुरू हो सकी है.
कई वर्षों से बन्द है पड़ा पेंशन
हैदरनगर प्रखंड के परता पंचायत के परता कोठी गांव के निवासी ईदन बीबी को आखिरी बार 2017 में पेंशन मिली थी जिसके बाद उनका पेंशन आना बंद हो गया ,जिसके कारण इन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसे ही कई लाभुक हैं जिन्हे पेंशन शुरुवाती दिनों में तो मिला लेकिन उसके बाद पेंशन आना बंद हो गया इसमें कई लोग शामिल हैं जैसे दिव्यांता पेंशन, गुलाम जिलानी और मुन्ना खान का वृद्धा पेंशन भी दो वर्षों से बंद है.इसके अलावा परता और हैदरनगर पूर्वी पंचायत में भी दर्जनों ऐसे बुजुर्ग है, जिनका पेशन कई वर्षों से बन्द पड़ा है. देखा जाए तो प्रत्येक पंचायत में 8 से 10 ऐसे लोगों का पेंशन बंद है, जिन्हें पहले मिलता था.
चार वर्षो से पेंशन बंद होने की वजह से लाभुकों को करना पड़ रहा है परेशानियों का सामना
डीसी से मामले की जांच करने की मांग
ऐसा मामला हैदरनगर प्रखंड क्षेत्र में सैकड़ों में है.बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग पेंशन चालू कराने को लेकर सरकारी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.मगर कोई उनकी सुनने वाला नहीं,इसी में एक बुजुर्ग ने आरोप लगाया है कि प्रखंड कर्मी 3 से 5 हजार रुपए लेकर पुराने लोगों की जगह नए लोगों के आवेदन स्वीकृत कर रहे हैं.उन्होंने उपायुक्त पलामू से मामले की जांच कराने और दोषी लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है.उधर रचनात्मक प्रगतिशील सामाजिक संगठन के अध्यक्ष समीर हुसैन ने कहा है कि सभी बंद पेंशनों को चालू नहीं किया गया तो पेंशनधारियों को लेकर वो मुख्यमंत्री के रांची स्थित आवास पर पहुंच जायेंगे.इस संबंध में बीडीओ राजीव नीरज ने बताया कि पेंशन रुकने का बहुत सारा कारण हो सकता है.उन्होंने कहा कि वो मामले की जांच करेंगे
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