चक्रधरपुर-हमारा देश किसानों का देश है. समय के साथ साथ आज खेतीबाड़ी के तौर तरीके भी बदल गए हैं. किसान खेती के नये-नये तकनीक सीखकर लाखों करोड़ों कमाने लगे हैं. ऐसा ही कुछ कर गुजरने की चाहत पौधा प्रेमी के नाम से जाने जानेवाले चक्रधरपुर के चन्द्र शेखर प्रधान में है.चन्द्र शेखर प्रधान ना सिर्फ एक कुशल किसान हैं बल्कि उन्होंने खेतीबाड़ी के अपनी आधुनिक तकनीकी कौशल ज्ञान को बांटकर कई किसानों की जिंदगी बदल दी है.

किसानों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए महोगनी पेड़ लगाने के लिए कर रहे हैं प्रेरित

इन दिनों चक्रधरपुर के देवगाँव निवासी चन्द्र शेखर प्रधान किसानों को करोड़पति बनाने के लिए उन्हें महोगनी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. साऊथ अफ्रीका में पाए जाने वाले इस पेड़ की कीमत लाखों में है. ना सिर्फ इसकी कीमत ज्यादा है बल्कि इस पेड़ में औषधीय गुण भी हैं और इसकी लकड़ी कई मायनों में गुणों से परिपूर्ण है. अपने खाली पड़े जमीन पर सैकड़ों पेड़ लगाकर 12 साल से सींचने का काम कर रहे है.

महोगनी एक इमारती लकड़ी है,जो पानी से भी नहीं होता है खराब 

महोगनी एक इमारती लकड़ी है, जिससे फर्नीचर, जहाज,बंदूक का कोंदा जैसे सामान बनाए जाते हैं. साथ ही इसकी लकड़ी पानी से खराब नहीं होती है, इसलिए इससे मेड़ भी बनाए जाते हैं. महोगनी एक औषधीय पौधा है. इसके पत्तों का उपयोग कैंसर, ब्लडप्रेशर, अस्थमा, सर्दी, मधुमेह सहित कई रोगों से मुक्ति पाने के लिए उपयोग किया जाता है.यह पौधा 5 साल में एक बार बीज देता है. एक पौधे से 5 किलो बीज मिलते हैं. इसके बीज एक हजार रुपए प्रतिकिलो तक बिकते हैं. छोटा सा पौधा लगने के 12 साल बाद पेड़ की शक्ल में इसकी उंचाई 70 से 90 फिट तक हो जाती है.  

सीएस प्रधान साल 2004 से आधुनिक तकनीक से खेती करने की किसानों को दे रहे हैं ट्रेनिंग 

माई फ्यूचर लाइफ संस्था से जुड़कर सीएस प्रधान किसानों को बेहतर आमदनी के लिए महोगनी पेड़ लगाने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं. संस्था के द्वारा अबतक पश्चिम और पूर्वी सिंहभूम जिले में 42 हजार महोगनी पेड़ लगाये गए हैं. संस्था का लक्ष्य 21 लाख महोगनी पेड़ लगाने का है. चन्द्र शेखर प्रधान ने खुद अपनी जमीन पर 148 महोगनी के  पेड़ लगा रखे है
सीएस प्रधान साल 2004 से आधुनिक तकनीक से खेती करने की ट्रेनिंग किसानों को दे रहे हैं. उनका यही प्रयास रहता है कि वे किसानों को बेहतर कृषि के गुर सिखाकर उनकी आमदनी को बढायें. सीएस प्रधान ने अबतक चार राज्यों के किसानों को तकनीकी खेती का प्रशिक्षण दिया है. इनकी मानें तो आधुनिकता के इस दौर में खेतीबाड़ी बदल चुकी है, किसानों को भी परंपरागत खेती को छोड़ तकनीकी खेती को अपनाना होगा तभी उनको सही मायने में लाभ मिलेगा और उनकी आमदनी तेजी से बढ़ेगी.

रिपोर्ट : जयकुमार,चक्रधरपुर,प0 सिंहभूम.