गुमला (GUMLA)- आदिवासी बहुल इलाके में जन्म लेने वाली दो बहन साक्षी और रितिका फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में झारखंडी वेशभूषा को पहचान दिलाने की कोशिश में जुटी हुई है. यह एक सराहनीय पहल है. इन दोनों बहनों ने झारखंड की परंपरागत ड्रेस को नया लुक देने का प्रयास किया है. इनकी डिजाइन की गई कई ड्रेस अपने फ्रेश लुक के कारण मोह लेती है. लाल पार की सफेद साड़ी कभी लहंगे के रूप में नजर आती तो कभी उसका वेस्टर्न लुक आकर्षित करता. 

डिजायनर बहनों का कहना है कि झारखंड की  पारंपरिक ड्रेस की उपयोगिता आज के दौर में कम हो गई है. पर्व त्यौहार पर ही ये परिधान निकलते हैं और फिर वापस वार्डरोब की शोभा बढ़ाते हैं. इसलिए इनकी डिजाइनिंग नए दौर के हिसाब से की गई है, ताकि शादी-ब्याह और पार्टी फंक्शन में भी झारखंड की संस्कृति इन ड्रेस के जरिए तारीफ बटोर सके.   साक्षी और रितिका  का विश्वास है कि ड्रेस की इस तरह से डिजाइनिंग होने पर पारंपरिक आदिवासी पोशाक को अलग पहचान मिल सकेगी और वे इस बदले दौर में भी लोकप्रियता हासिल कर सकेगी.

बहरहाल, साक्षी और रितिका ने फैशन डिजाइनिंग की उच्च शिक्षा हासिल की है. आज जहां फ़ैशन डिज़ाइन की पढ़ाई कर लोग बड़े कंपनी में रोजगार कर अच्छी कमाई करने चाहते हैं, वहीं ये दोनों बहनों ने बड़े संस्थानों में पढ़ाई कर झारखंडी संस्कृति की पोशाक को आधुनिक मार्किट में उतारने का काम कर रही हैं.

रिपोर्टसुशील कुमार सिंह, गुमला