गढ़वा (GARHWA): झारखंड के गढ़वा जिले में फिर हुआ करोड़ों रुपये का अनाज घोटाला. जिले के केतार प्रखंड के एसएफसी गोदाम से तीन करोड़ रुपये मूल्य का नौ हजार क्विंटल अनाज गायब हो गया है. डीसी ने दो अधिकारियों को निलंबित किया है और प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. जिले में एक वर्ष में यह दूसरी बार अनाज घोटाले का मामला सामने आया है.

गढ़वा जैसे पिछड़े इलाके में लगातार हो रहे हैं अनाज घोटाले. केतार प्रखंड के 250 मीट्रिक टन क्षमता वाले एसएफसी गोदाम से नौ हजार क्विंटल अनाज पीडीएस लाभुकों और आदिवासी समुदाय के बीच वितरण के लिए भेजा जाना था, लेकिन यह अनाज गरीबों तक पहुंचा ही नहीं और बीच रास्ते से गायब हो गया.

अनाज गायब होने की खबर से पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल है. मामला तब उजागर हुआ जब जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने गोदाम में रखे नौ हजार क्विंटल अनाज को दूसरे गोदाम में शिफ्ट करने का आदेश दिया. इस दौरान गोदाम प्रबंधक ने बताया कि गोदाम में अनाज मौजूद नहीं है, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया.

जब विधिवत स्टॉक की जांच की गई तो पाया गया कि 27 ट्रक चावल और गेहूं कम है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने इसकी जानकारी गढ़वा डीसी दिनेश यादव को दी. डीसी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गोदाम प्रबंधक को निलंबित कर दिया और प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. साथ ही कंप्यूटर ऑपरेटर को सेवा से बर्खास्त कर तीन मिलरों पर शो-कॉज नोटिस जारी किया गया.

डीसी दिनेश यादव ने कहा कि यह गंभीर मामला है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
केतार प्रखंड से इतनी बड़ी मात्रा में अनाज गायब होने की खबर से स्थानीय लोग सकते में हैं. लोगों का कहना है कि ऊपर से लेकर नीचे तक मिलीभगत हुई है. एक स्थानीय डीलर ने बताया कि हम लोगों को अनाज नहीं मिला, जबकि क्षेत्र में अनाज की कालाबाजारी जोरों पर थी. वहीं विपक्षी पार्टी भाजपा का कहना है कि यह तो अब जिले की नियति बन गई है, क्योंकि हर साल कोई न कोई घोटाला सामने आ ही जाता है.

रिपोर्ट: धर्मेंद्र कुमार