धनबाद(DHANBAD):झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने 15 अक्टूबर के 2:42 बजे अपराह्न सोशल मीडिया  एक्स पर ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने कहा है कि धनबाद में कल एक बार फिर हादसा हुआ. जिसमें कई मजदूर लापता है. उनके ट्वीट को  हू ब हू पाठकों की जानकारी के लिए नीचे दिया जा रहा है.... सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कल धनबाद जिले में सरकार के संरक्षण में चल रहे अवैध कोयला खनन ने एक बार फिर आठ निर्दोष मजदूरों की जान ले ली, जबकि 8–10 मजदूर अब भी लापता बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रहने वाले हैं, और अब खनन माफियाओं के दलाल उनके परिजनों को पैसे देकर चुप कराने की कोशिश कर रहे हैं।

इस गोरखधंधे के हिस्सेदार पुलिस, स्थानीय और प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्य निभाने, यानी केस दर्ज करने, दोषियों पर कार्रवाई करने और लापता मजदूरों को बचाने के बजाय लाशें गायब कराने और पीड़ित परिवारों को चुप कराने की मुहिम में शामिल बताए जा रहे हैं।

खबर यह भी है कि धनबाद के पंचेत थाना क्षेत्र के कारगिल इलाके में “हाउस” के आदेश पर “अंजनी(कोड वर्ड)” नामक व्यक्ति को अवैध खनन का ठेका दिया है। बताया जाता है कि यह “अंजनी” कोड वर्ड वाला व्यक्ति “ हाउस के प्रतिनिधि” का खास आदमी बताया गया है, जो इस धंधे का साझेदार है।

झामुमो सरकार में विकास और जनकल्याण पूरी तरह हाशिए पर चले गए हैं, जबकि हर तरह के अवैध धंधे खुलेआम फल-फूल रहे हैं। इन धंधों से कमाई गई काली कमाई का बड़ा हिस्सा “हाउस” तक पहुँचता है।

इस सरकार में भ्रष्टाचार एक संस्कृति बन चुका है। झारखंड की जनता बेबस होकर “सिस्टम” में एडजस्ट होकर अपना काम करने को मजबूर है।

लाशों पर कमाई करने की होड़ में झारखंड कितना नीचे गिरेगा, कहना मुश्किल है, लेकिन इतना तय है कि जनता सब कुछ देख भी रही है और समझ भी रही है।
पाप का घड़ा भर रहा है और जब फूटेगा, तो हर किसी को अपने कर्मों का हिसाब देना पड़ेगा।