रांची (RANCHI)झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) ट्रिब्यूनल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आदेश दिया है कि वह सोरेन की जब्त BMW कार तुरंत लौटाए. यह गाड़ी ED ने फरवरी 2024 में एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के दौरान सीज़ की थी.
मामले की पृष्ठभूमि में ED ने दावा किया था कि यह लक्ज़री कार अवैध तरीके से अर्जित धन से खरीदी गई है, जो कि झारखंड में जमीन से जुड़े कथित घोटालों से जुड़ी है. इसके आधार पर एजेंसी ने गाड़ी को रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास से जब्त कर लिया था. सोरेन ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी.
ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के दौरान पाया कि ED द्वारा पेश किए गए सबूत गाड़ी की खरीद में सीधे तौर पर अवैध धन के इस्तेमाल को साबित नहीं करते. आदेश में कहा गया कि जब्त करने की कार्रवाई PMLA के प्रावधानों के अनुरूप नहीं थी और इससे व्यक्तिगत संपत्ति के अधिकारों का हनन हुआ. ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि जांच जारी रह सकती है, लेकिन जब्ती का आदेश निरस्त करते हुए BMW कार लौटाने का निर्देश दिया जाता है.
इस फैसले को हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने न्याय की जीत बताया है. पार्टी नेताओं ने कहा कि केंद्र की एजेंसियां विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही हैं, लेकिन सच अंततः सामने आता है. वहीं, ED सूत्रों का कहना है कि ट्रिब्यूनल के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है और आगे की कानूनी कार्रवाई पर विचार किया जाएगा.
सोरेन के खिलाफ ED की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर और गरमा सकता है। BMW की वापसी से उन्हें भले ही राहत मिली हो, लेकिन केंद्र-राज्य के बीच टकराव के संकेत साफ हैं।

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