दुमका (DUMKA):  दुमका में खनिज संपदा के अवैध खनन और परिवहन व्यापक पैमाने पर होता है.  तभी तो खनन टास्क फोर्स की हर बैठक में डीसी द्वारा इसे रोकने का सख्त निर्देश दिया जाता है. निर्देश के अनुपालन में जब जिम्मेदार अधिकारी सड़कों पर उतरते है तब इस बात का खुलासा होता है कि सचमुच जिले में व्यापक पैमाने पर खनिज संपदा का दोहन होता है. गुरुवार की रात शिकारीपाड़ा थाना के कृपा लाइन होटल के पास अधिकारियों द्वारा अवैध परिवहन के खिलाफ महज 45 मिनट का अभियान चलाया गया जिसमें अवैध बालू लोड 21 हाईवा को जप्त किया गया जिसपर कुल 28005 सीएफटी बालू लोड था. सभी 21 हाईवा के चालक और मालिक पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए अवैध बालू कारोबार में संलिप्त व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए अभिलंब कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया गया.

PRD द्वारा आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में रिलीज डालने के कुछ मिनट बाद ही कर दिया गया डिलीट

जिला प्रशासन की इस कार्रवाई की तारीफ गुरुवार रात से लेकर शुक्रवार देर शाम तक हर कोई कर रहा था, लेकिन शुक्रवार रात ऐसा क्या हुआ कि इस पूरी कार्रवाई पर ही अब लोग सवाल खड़े करने लगे है. सवाल पीआरडी द्वारा जारी रिलीज के बाद खड़े होने लगे है। आखिर पीआरडी द्वारा आधिकारिक ग्रुप में रिलीज और फोटो डालने के बाद डिलीट क्यों किया गया? कुछ देर बाद संशोधित रिलीज जारी हुआ जिसमें पहले रिलीज के कुछ पैराग्राफ को हटा दिया गया. लोग जानना चाह रहे है कि एक तरफ तो रिलीज में डीएमओ के हवाले से लिखा गया है कि अवैध खनन, भंडारण एवं परिवहन पर विभाग की पैनी नजर है. अवैध कारोबारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, तो फिर संशोधित रिलीज में कुछ पैराग्राफ हटाकर किसका नाम सार्वजनिक करने से परहेज किया गया और क्यों? अधिकारी पर किसी तरह का दबाब तो नहीं? 

रिलीज जारी होते ही हो गया वायरल

बहरहाल मामला जो भी हो, लेकिन कार्रवाई बड़ी होने के कारण पीआरडी द्वारा पहला रिलीज जारी करते ही वायरल हो गया. संशोधित रिलीज जारी होते ही सवाल उठने लगे.

पहले रिलीज में था सभी जप्त हाईवा का नम्बर, संशोधित रिलीज में हो गया गायब

The News Post के पास दोनों रिलीज है जिसे हु बहु खबर में डालना कठिन है, लेकिन इस खबर के माध्यम से हम वैसे बिंदु को उजागर कर रहे है जिसे संशोधित रिलीज में हटा दिया गया. पहले रिलीज में जप्त सभी 21 हाईवा का नम्बर अंकित था, भले ही 21 वें नम्बर पर तीन डिजिट का नम्बर दर्ज है। आश्चर्य की बात तो यह है कि सभी हाईवा पर पश्चिम बंगाल का नम्बर है.

पहले रिलीज में राधिका माइनिंग कंपनी पर भी FIR दर्ज होने की दी गई जानकारी, संशोधित रिलीज में पूरा पैराग्राफ गायब

पहले रिलीज में इस बात का जिक्र है कि राधिका माइनिंग कंपनी पर भी प्राथमिकी दर्ज हुई है. आरोप है कि वाहन पकड़े जाने के बाद राधिका माइनिंग कंपनी द्वारा ई परिवहन चालान निर्गत किया गया. इसका खुलासा  जेम्स पोर्टल की जांच से हुआ। लेकिन संशोधित रिलीज में पूरा पैराग्राफ को ही हटा दिया गया.

आखिर किसके इशारे पर या यूं कहे किसके दबाव में डिलीट किया गया पहला रिलीज?

ऐसे में सवाल उठना लाजमी है. आखिर क्यों वाहनों के नम्बर और राधिका माइनिंग कंपनी के नाम को सार्वजनिक होने से रोक दिया गया. आखिर इसके पीछे की मंशा क्या है? आखिर किसके इशारे पर या यूं कहें किसके दबाव में ऐसा किया गया? The News Post प्रशासन की इस कार्रवाई से जुड़ी और भी मामलों को खबर के माध्यम से आपतक पहुंचेगा.