दुमका (DUMKA): दुमका जिला प्रशासन द्वारा चौकीदार नियुक्ति के लिए आयोजित लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है. लेकिन यह परिणाम विवादों में घिरने लगा है. घोषित रिजल्ट पर अभ्यर्थी सवाल खड़े कर रहे है. काफी संख्या में अभ्यर्थी डीसी से मिलने समाहरणालय पहुंचे थे लेकिन डीसी के क्षेत्र में रहने के कारण अपर समाहर्ता से मिलकर ज्ञापन सौंपा जिसमें त्रुटि की तरफ ध्यान आकृष्ट कराते हुए सुधार का अनुरोध किया गया है साथ ही सुधार होने तक शारीरिक जांच की प्रक्रिया को रोकने का अनुरोध किया गया है.
जारी परीक्षा परिणाम में कई तरह के त्रुटि का दावा
परीक्षा परिणाम में अभ्यर्थियों ने कई तरह की त्रुटि होने का आरोप लगाया है. अभ्यर्थी राहुल कुमार मिश्रा का आरोप है कि EWS सर्टिफिकेट के साथ EWS श्रेणी में फॉर्म भरने के बाबजूद जब डीसी कार्यालय द्वारा आवेदकों की पहली सूची जारी हुई तो उसमें अनारक्षित दर्शाया गया. त्रुटि में सुधार के लिए आवेदन दिया गया तो मौखिक रूप से कहा गया कि त्रुटि में सुधार कर दिया जाएगा. इसके बाबजूद जब एडमिट कार्ड तो उसमें अनारक्षित श्रेणी दर्शाया गया. जब इसकी शिकायत की गई तो भरोसा दिया गया कि सुधार हो जाएगा. लेकिन जब परीक्षा परिणाम घोषित हुआ तो उसमें भी अनारक्षित श्रेणी मानते हुए असफल घोषित कर दिया गया. राहुल का आरोप है कि EWS श्रेणी में 17 अंक लाने वाले अभ्यर्थी सफल घोषित हुआ. प्रशासन द्वारा जारी आंसर सीट के अनुसार प्राप्तांक 17 से काफी ज्यादा है इसके बाबजूद सफलता नहीं मिली. वजह साफ है कि EWS सर्टिफिकेट संलग्न होने के बाबजूद प्रशासनिक लापरवाही के कारण राहुल का नाम अनारक्षित श्रेणी में रख दिया गया. त्रुटि में सुधार के लिए आवेदन देने के बाबजूद सुधार नहीं हुआ जिसका खामियाजा भुगताना पड़ रहा है.
सामान्य से लेकर आदिम जनजाति तक के अभ्यर्थी लगा रहे कार्यालय का चक्कर
अब दूसरे अभ्यर्थी करण पुजहर के मामले को देखिए। करन आदिम जनजाति समूह पहाड़िया समुदाय से ताल्लुक रखते है. इन्होंने अपना आवेदन एसटी (पीभीटीए ) श्रेणी में किया, इस श्रेणी में कट ऑफ मार्क्स 28 गया. जारी उत्तर पंजी के अनुरूप करन का दावा है कि उसे 33 अंक आ रहा है, फिर भी लिखित परीक्षा में असफल घोषित किया गया है. ऐसे एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों अभ्यर्थी है जिन्हें जारी परीक्षा परिणाम पर आपत्ति है.
असफल अभ्यर्थी कर रहे है शारीरिक जांच की तिथि को तब तक स्थगित करने की मांग
अब ऐसे असफल अभ्यर्थियों के समक्ष परेशानी इस बात को लेकर है कि प्रशासन द्वारा सफल अभ्यर्थियों के लिए शारीरिक जांच के लिए तिथि घोषित किया जा चुका है. परीक्षा परिणाम के अनुरूप ऐसे सैकड़ों अभ्यर्थी भले ही असफल घोषित किया जा चुका है लेकिन इनका दावा है कि वे सभी सफल होने की पात्रता रखते है. ऐसी स्थिति में ये लोग फिजिकल की तैयारी करे कि रिजल्ट में सुधार के लिए विभाग का चक्कर लगाए. तभी तो ऐसे अभ्यर्थी अधिकारियों को आवेदन देकर शारीरिक जांच के लिए घोषित तिथि को तब तक के लिए स्थगित करने की मांग कर रहे है जब तक इन लोगों के आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं हो जाता.
आवेदन पर विचार करने की जरूरत
ऐसे में जरूरत है जिला प्रशासन को संवेदनशीलता दिखाने की. जब साक्ष्य के साथ असफल अभ्यर्थी आवेदन दे रहे है तो एक बार जरूर जारी परीक्षा परिणाम पर विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि सैकड़ों बेरोजगार युवाओं के भविष्य का सवाल है. अपना भविष्य संवारने के लिए ऐसे असफल छात्र सड़कों पर उतर सकते है. अपना हक और अधिकार की मांग को लेकर कोर्ट की शरण में भी जा सकते है.
रिपोर्ट: पंचम झा

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