दुमका (DUMKA) : झारखंड की धरती को रत्नगर्भा कहा जाता है. यहां जमीन के अंदर अकूत खनिज संपदा है. इस खनिज संपदा से कोई मालामाल हो रहा है तो कोई कंगाल हो रहा है. मालामाल होने वाले लोग धरती का सीना चीरकर खनिज संपदा का दोहन कर रहे है. इसका पता तब चलता है जब जिम्मेवार लोग सड़कों पर उतर कर कार्रवाई करते है. गुरुवार की देर शाम दुमका जिला के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में खनन टास्क फोर्स की टीम ने अवैध बालू लोड 21 हाईवा को जब्त किया. खनन विभाग के खान इंस्पेक्टर गौरव कुमार सिंह के आवेदन पर सभी 21 हाईवा के चालक और मालिक, ई चालान जारी करने वाले राधिका माइनिंग कंपनी एवं बालू खनिज के अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण में संलिप्त अन्य अवैध कर्ताओं के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है. खान निरीक्षक द्वारा थाना को दिए आवेदन में अनुज्ञप्ति धारी अमित मंडल और धनबाद बायो वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड धनबाद की भूमिका को संदिग्ध करार देते हुए उचित जांच की आवश्यकता की बात लिखी गई है.
कौन है राधिका माइनिंग कंपनी के प्रोपराइटर
प्रशासनिक कार्रवाई के बाद एक सवाल आम लोगों की जुबान पर है कि आखिर किसका है राधिका माइनिंग कंपनी जिसका नाम आधिकारिक रूप से जारी रिलीज से विलोपित करते हुए दूसरा रिलीज जारी किया गया. राधिका माइनिंग कंपनी के प्रोपराइटर कौन है यह FIR की कॉपी से भी स्पष्ट नहीं हो रहा है क्योंकि प्राथमिकी फर्म पर हुई है. जिले के कोई भी अधिकारी इस बाबत बोलने के लिए तैयार नहीं है. The News Post की टीम ने जब इसकी तहकीकात की तो तरह तरह की बातें सामने आई. कोई दुमका जिला का रहने वाला बता रहा है तो कोई जामताड़ा तो कोई पाकुड़ जिला का निवासी बता रहा है. सबमें एक बात की समानता जरूर है और वह है नाम का. तहकीकात को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल का सहारा लिया. गूगल पर राधिका माइनिंग कंपनी के नाम से दो एड्रेस मिला. एक में जामुन महतो का नाम है. पता के रूप में खाता नंबर 15, प्लॉट नम्बर 148, सुल्तानाटिकर, रामगढ़, खसिया, दुमका का उल्लेख है. दूसरे में प्रोपराइटर का नाम नहीं है. पता के रूप में हुसैनगंज 26, सरदारी सर्किल, आमजोरा, रानीश्वर, दुमका का उल्लेख है.
.jpeg)
राधिका माइनिंग कंपनी की भूमिका चौंकाने वाला, आखिर किसके इशारे पर हुआ यह सब!
सच्चाई क्या है यह तो अनुसंधान का विषय है. लेकिन इस पूरे प्रकरण में राधिका माइनिंग कंपनी की संलिप्तता काफी चौंकाने वाला है. दर्ज प्राथमिकी के अनुरूप प्रशासनिक कार्रवाई 16 अक्टूबर की शाम 7.45 से 8.30 तक चली. कार्रवाई के दौरान कुल 21 हाईवा को जप्त किया गया. 21 में से 15 हाईवा पर लोड बालू का चालान राधिका माइनिंग कंपनी द्वारा निर्गत किया गया. बालू माफिया का खेल यही से शुरू हुआ.

7.45 से शुरू हुई प्रशासनिक कार्रवाई, 7.58 से शुरू हुआ चालान निर्गत
एक तरफ प्रशासनिक कार्रवाई शुरू हुई तो दूसरी तरफ चालान निर्गत करने की प्रक्रिया भी शुरू हुई. राधिका माइनिंग कंपनी द्वारा पहला चालान शाम 7.58.13 बजे निर्गत हुआ जबकि 15 वां चालान रात 10.54.47 बजे निर्गत किया गया. अवैध बालू को वैध बनाने का हर संभव प्रयास किया गया लेकिन प्रशासनिक सख्ती के कारण माफिया राज का भांडा फुट गया. चालान की जांच जब सरकार के जेम्स पोर्टल पर की गई तो चालान निर्गत का समय देख अधिकारी भी दंग रह गए.
किसके संरक्षण में फल फूल रहा है राधिका माइनिंग कंपनी
ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर किसके संरक्षण में फल फूल रहा है राधिका माइनिंग कंपनी? आखिर यह दुस्साहस कैसे कोई कर सकता है? आज के समय में जब सब कुछ ऑन लाइन है यह जानते हुए भी वाहन जप्त होने के साथ हो अवैध बालू को वैध बनाने के उद्देश्य से चालान निर्गत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. इतना बेखौफ कैसे हो सकता है कोई?
The News Post इस प्रकरण से जुड़ी और पहलुओं को आपके समक्ष रखेगा.

Recent Comments