टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : चुनाव आयोग ने घाटशिला विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. मतदान 11 नवंबर को होगा और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. घाटशिला उपचुनाव सिर्फ़ एक सीट के लिए नहीं, बल्कि दो दिग्गज आदिवासी नेता की साख दावं पर लगी है. एक तरफ हेमंत सोरेन की विश्वसनीयता तो दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की सियासी ताकत की असली परीक्षा इस उपचुनाव में देनी होगी. 2024 के विधानसभा चुनाव को देखें तो बाबूलाल सोरेन को रामदास सोरेन से 22,000 से ज़्यादा वोटों से करारी हार का सामना करना पड़ा था. अब उनके फिर से चुनाव लड़ने की चर्चा है, लेकिन इस बार उन्हें सहानुभूति लहर पर काबू पाने में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा.

घाटशिला उपचुनाव में बाबूलाल सोरेन के भाजपा से चुनाव लड़ने की संभावना है, जबकि रामदास सोरेन के बेटे सोमेश सोरेन का झामुमो से टिकट पक्का हो गया है. हालांकि, दोनों दलों ने अभी तक अपने आधिकारिक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है.

क्या विधानसभा चुनाव की तरह जयराम फिर बनेंगे गेमचेंजर !

इस चुनाव में एक और अहम फैक्टर जयराम महतो होंगे. 2024 के चुनाव में उनकी पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) को घाटशिला में लगभग 8,000 वोट मिले थे. देखना यह होगा कि जयराम इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार उतारते हैं या नहीं. डुमरी उपचुनाव में उन्होंने झामुमो का समर्थन किया था, लेकिन इस बार स्थिति अलग है. रामदास सोरेन के बेटे सोमेश को मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने से समीकरण बदल सकते हैं. इस उपचुनाव में झामुमो और भाजपा आमने-सामने हैं. इस बीच, एनडीए जयराम राम को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है, जबकि जयराम उपचुनाव पर चुप्पी साधे हुए हैं. उनका सितंबर में घाटशिला जाने का कार्यक्रम था, लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण उनका दौरा रद्द हो गया और फिलहाल वे अनुपस्थित हैं.

कुल मिलाकर, घाटशिला उपचुनाव राज्य में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चुनाव बन गया है. यह हेमंत सोरेन सरकार के कामकाज की परीक्षा तो लेगा ही, साथ ही सबकी निगाहें चंपई सोरेन के राजनीतिक प्रभाव और जयराम महतो की भूमिका पर भी टिकी होंगी.

15 अक्टूबर को जेएमएम ने बुलाई बैठक

चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने 15 अक्टूबर को पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. यह बैठक सुबह 11 बजे हरमू स्थित सोहराय भवन में होगी. इसमें पार्टी की केंद्रीय समिति के पदाधिकारियों, सभी ज़िला अध्यक्षों, महानगर अध्यक्षों, सचिवों और संयोजकों को आमंत्रित किया गया है. बैठक में घाटशिला उपचुनाव, बिहार विधानसभा चुनाव, पार्टी की संगठनात्मक स्थिति, सदस्यता अभियान और हाल ही में हुए 13वें केंद्रीय अधिवेशन के बाद की रणनीति पर चर्चा होगी.