गोड्डा (GODDA) : गोड्डा जिले के एकमात्र महिला महाविद्यालय के आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल में शनिवार की रातभर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा, जो रविवार सुबह तक जारी रहा. रातभर कॉलेज परिसर में भारी पुलिस बल तैनात रहा और माहौल तनावपूर्ण बना रहा. बताया जा रहा है कि उपायुक्त के आदेश पर प्रशासन और पुलिस की टीम किसी जांच के लिए हॉस्टल पहुंची थी, लेकिन जांच का असली कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है.

सूत्रों के मुताबिक, प्रशासन को सूचना मिली थी कि कॉलेज प्रशासन की अनुमति के बिना कई छात्राएं हॉस्टल में रह रही हैं. सवाल यह भी उठ रहा है कि जब जांच करनी ही थी तो दिन में की जा सकती थी, फिर रात के अंधेरे में इतनी बड़ी टीम के साथ छापेमारी जैसी कार्रवाई क्यों की गई.

उपायुक्त अंजलि यादव के निर्देश पर जिला परिवहन पदाधिकारी कंचन भदौरिया, बाल विकास परियोजना की चार महिला पर्यवेक्षिकाएं और महिला पुलिस बल की टीम शनिवार रात करीब साढ़े आठ बजे महिला कॉलेज पहुंची. उपायुक्त के निर्देश पर कॉलेज की प्रिंसिपल को भी बुलाया गया, लेकिन उनके अनुपस्थित रहने पर दो प्रोफेसरों को रात में कॉलेज बुलाया गया.

पूरी टीम रातभर हॉस्टल के बाहर डटी रही, लेकिन छात्राओं ने गेट खोलने से साफ इनकार कर दिया. प्रशासनिक अधिकारी और पुलिसकर्मी रातभर बाहर ही इंतजार करते रहे. रात में डीटीओ वहां से लौट गईं, लेकिन चारों महिला पर्यवेक्षिकाओं और कुछ महिला पुलिसकर्मियों को वहीं तैनात रहने का निर्देश दिया गया.

रविवार सुबह दोबारा डीटीओ अधिक पुलिस बल के साथ हॉस्टल पहुंचीं, लेकिन सुबह 10 बजे तक भी टीम को हॉस्टल के अंदर प्रवेश नहीं मिल सका. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासनिक टीम आखिरकार हॉस्टल में प्रवेश कर पाती है और जांच पूरी करती है या नहीं.

कॉलेज सूत्रों के मुताबिक, हॉस्टल में न तो कोई वार्डन है और न ही कोई गेस्ट रजिस्टर रखा जाता है. कुछ समय पहले एक वार्डन नियुक्त की गई थीं, लेकिन छात्राओं के विरोध के बाद उन्हें हटा दिया गया था. तब से हॉस्टल में छात्राएं अपनी मनमर्जी से रह रही हैं और किसी को जवाबदेह नहीं मानतीं.

अब पूरा जिला प्रशासन और कॉलेज प्रशासन इस घटना को लेकर सतर्क है. सभी की निगाहें उपायुक्त अंजलि यादव पर हैं कि वे इस पूरे विवाद का समाधान किस तरह करती हैं और क्या हॉस्टल की वास्तविक स्थिति सामने ला पाती हैं या नहीं.