टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : इलाहाबाद हाई कोर्ट की जस्टिस यशवंत वर्मा के जिला महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर दी गई है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी घोषणा की उन्होंने यह भी कहा है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित कर दी गई है. मालूम हो कि इस साल मार्च में जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास से जले हुए नोटों का अंबार मिला था. उसके बाद जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया.

क्या होगा आगे जानिए महाभियोग की प्रक्रिया के बारे में

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने घोषणा की है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जो आरोप है,इसकी आधिकारिक जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है. इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बीवी आचार्य हैं.उन्होंने कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए. सांसद भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट हैं. हमने महाभियोग प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है.

लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा है. उल्लेखनीय है कि 146 संसद सदस्यों ने महाभियोग चलाने का प्रस्ताव दिया है. सभी के इस पर हस्ताक्षर भी हैं. न्यायाधीश जांच अधिनियम 1968 की धारा 3 के साथ संविधान के अनुच्छेद 124( 4 ) के साथ पठित अनुच्छेदों 217 और 218 के अंतर्गत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हम आपको बता दें कि पिछले 15 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली आवास से जले हुए नोट बड़ी मात्रा में बरामद हुए थे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस भ्रष्टाचार के मामले पर सभी सदस्यों को एक स्वर में बोलना चाहिए और यह संदेश जाना चाहिए कि भ्रष्टाचार जरा भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.