पलामू (PALAMU) : अमूमन हमनें वर्दी पहने दरोगा या प्रशासन के लोगों को ही देखा या सुना है पर, पलामू का नज़ारा कुछ अलग है. असल में पलामू के नक्सल इलाके मनातू के एक ऐसे थानेदार हैं, जो नक्सलियों पर डंडा चलाने के साथ साथ नक्सल इलाके के बच्चे को स्कूल में हर दिन शिक्षक बन कर पढ़ाते भी हैं. अब इलाके के लोग थानेदार को दरोगा बाबू ना बोल कर मास्टर वाले दरोगा बाबू बोलते है. हर दिन अपने काम काज को पूरा करा कर स्कूल पहुँच जाते है और फिर वर्दी वाले शिक्षक बन कर बच्चो को मैथ्स पढ़ाने लगते है. ऐसे में उनका यह कदम झारखण्ड में चर्चा में बनी हुई है और हर कोई इस मास्टर वाले दरोगा को सैलूट कर रहें हैं. पलामू एसपी भी इनके काम से खुश हुई और पुरे जिले के बच्चों के लिए थाना में निशुक्ल कोचिंग शुरू करने का निर्णय ले लिया. इसकी भी शुरुआत मनातू से की गई जहाँ थाना में ही बेंच डेस्क लगा कर बच्चों को शिक्षा दी जाएगी.
यह तस्वीर बहुत कुछ बताती है कैसे वर्दी में भी शिक्षक बन कर गरीब बच्चो को शिक्षा देने का काम दरोगा कर रहे है. यह तस्वीर यह बोल रही है कि सभी पुलिस वाले एक जैसे नहीं होते है. कुछ निर्मल उरांव के जैसे भी होते हैं, जिन्हें लोग सर आँखों पर बैठा कर रखते है. दरोगा निर्मल उरांव हर दिन बच्चो को पढ़ाते हैं और जब वह किसी दिन स्कूल नहीं पहुँचते तो बच्चे उन्हें फोन तक कर देते हैं और कभी कभी तो बच्चे थाने भी पहुँच जाते हैं.
स्कूल और शिक्षा से निर्मल का ऐसा लगाव है कि वह खुद को रोक नहीं पाते हैं और बच्चो को पढ़ाने के लिए हर दिन समय निकाल ही लेते हैं. वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे बताते है की निर्मंल सर बहुत अच्छे तरीके से पढ़ाते है और उन्हें समझ में भी जल्दी आता है.
अब निर्मल उरांव की बात करें तो यह गुमला के अंजन के रहने वाले हैं. उन्होंने बचपन में गरीबी और नक्सलवाद से बर्बाद होता जीवन देखा है, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं. ऐसे में उन्होंने सब इंस्पेक्टर बन कर अपने गांव और शहर का नाम तो रौशन किया ही था, लेकिन एक संकल्प भी इस दिन लिया था कि अब उनकी यह कोशिश होगी की कोई पढ़ाई से वंचित ना रहे और इलाके में नक्सलवाद की वजह से किसी का बचपन बर्बाद ना हो.
इसी सपने को साकार करने में निर्मल लगे हैं. अब हर कोई निर्मल तो नहीं बन सकता है, लेकिन एक सन्देश उन सभी दरोगा के लिए भी है कि गरीब बच्चो और गरीब लोगों से आप जब अच्छे से मिलेंगे, उनके साथ दो बाते कर लेंगे तो वह भले ही कुछ आपको ना दें लेकिन अगर जरुरत पड़ी तो आपके लिए जान भी देने को तैयार रहेंगे. आपको हर वो सुचना देंगे जिससे आप कई कामयाबी हासिल कर लेंगे. हम भी इन्हें सैलूट करते हैं जो बच्चों के भविष्य को बनाने में लगे हुए हैं.
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