टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : भाद्रपद यानी भादो महीने के शुक्ल में आने वाली एकादशी तिथि को करमा पर्व मनाया जाता है. करमा पर्व भाई बहनों का त्योहार है, जहां बहनें अपने भाइयों कि लंबी आयु के लिए दिन भर निर्जल  व्रत रखती हैं और रात में करम डाली की पूजा कर व्रत खोलती हैं. मुख्य रूप से यह पूजा आदिवासियों का पर्व मन जाता है जहां लोग प्रकृति की उपासना करते हैं. ऐसे में करम पर्व को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं. इस दौरान उन्होंने लिखा, "प्रकृति पूजा करम पर्व की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं, बधाई और जोहार. 

करम पर्व हमारी समृद्ध संस्कृति, सभ्यता और जीवनशैली का प्रतीक है. यह पर्व भाई-बहन के अटूट संबंध, सामाजिक समरसता तथा प्रकृति के प्रति हमारी गहरी आस्था और कृतज्ञता को दर्शाता है. हमारे पूर्वजों द्वारा हमें दिया गया अद्वितीय उपहार है यह. इस दिन पूजा कर हम सुख-समृद्धि, अच्छी फसल और स्वस्थ समाज की मंगलकामना करते हैं. 

जल, जंगल, माटी और जीव-जंतुओं से हमारा जीवन गहराई से जुड़ा हुआ है. करम पर्व हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीवन और समाज के सतत विकास का संदेश देता है. आइए, इस पावन अवसर पर हम सब मिलकर अपने रीति-रिवाजों, परंपराओं को सहेजने, समाज को सशक्त करने और पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लें. 

आप सभी का जीवन सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली से परिपूर्ण हो, यही कामना करता हूँ. 

करम जोहार!"

वहीं झारखंड के नेता प्रतिपक्ष ने भी सभी को X हैन्डल पर शुभकामनाएँ देते हुए लिखा, "आप सभी देशवासियों को प्रकृति महापर्व करमा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं. 

यह पर्व आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा और प्रकृति के प्रति गहरे जुड़ाव का प्रतीक है. करमा पूजा हमें पेड़-पौधों, जल, जंगल और जमीन की रक्षा का संदेश देती है. 

आइए, इस पावन अवसर पर हम सब आदिवासी समाज की जीवनशैली और उनके प्रकृति-प्रेम से प्रेरणा लेकर पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सद्भाव के संकल्प को मजबूत करें. 

करमा महापर्व आप सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए, ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूं."