रांची (RANCHI) : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार, रांची में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद आठ जेलकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है. आरोप है कि ये कर्मी कैदियों से मुलाकात कराने के नाम पर रिश्वत वसूल रहे थे. इस मामले में जेल आईजी ने चर्चित हेड वार्डन अवधेश सिंह समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. राज्य सरकार ने जेलों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सख्ती दिखाई है. हाल ही में हजारीबाग जेल के कई कर्मियों को निलंबित किया गया था, और अब रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भी इसी तरह की बड़ी कार्रवाई की गई है.

जांच के बाद आठ जेलकर्मियों को दोषी पाया गया. आरोप है कि ये कर्मी कैदियों से मिलने आने वालों से पैसे लेते थे. इसी आधार पर सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई. इसके साथ ही जेल अधीक्षक और सहायक जेलर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

किन-किन पर हुई कार्रवाई
चीफ हेड वार्डन अवधेश कुमार और रिजर्व हेड वार्डन विनोद कुमार को मॉनिटरिंग में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है.
जेल क्लर्क प्रमिला कुमारी पर कैदियों की चिट्ठी रोकने और लापरवाही का आरोप है, जबकि निरल टोप्पो को मुलाकात प्रक्रिया में गड़बड़ी के कारण निलंबित किया गया है. वहीं, संविदा पर कार्यरत दो पूर्व सैनिकों की सेवा समाप्त कर दी गई है.

जेल आईजी सुदर्शन मंडल ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पूरे मामले की विस्तृत जांच कराई गई थी. जांच टीम ने दोषी पाए गए सभी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया.

गौरतलब है कि कैदियों से मुलाकात के नाम पर पैसे वसूलने की खबर सामने आने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया था. इसके बाद तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी. समिति की रिपोर्ट जेल आईजी को सौंपी गई, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई.

सबसे चर्चित नाम हेड वार्डन अवधेश सिंह का है, जो पहले भी कई मामलों में विवादों में रहे हैं. बताया जा रहा है कि एक पुराने मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी उनसे पूछताछ की थी.