गढ़वा (GARHWA) : झारखंड के गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड के बलिगढ़ जंगल में सोमवार को मंडल डैम पुनर्वास योजना को लेकर भारी हंगामा हुआ. सर्वे करने पहुंची वन विभाग की टीम को ग्रामीणों ने घेर लिया और करीब दो घंटे तक बंधक बनाए रखा. इस दौरान DFO इबिन बेनी अब्राहम, रेंजर रामरतन पांडेय और सात वनकर्मियों पर ग्रामीणों ने हमले की कोशिश भी की.

सूत्रों के अनुसार, मंडल डैम परियोजना के तहत सात गांवों के करीब 780 परिवारों के पुनर्वास की प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए रंका के बिश्रामपुर और रमकंडा के बलिगढ़ वन क्षेत्र की 1378 एकड़ जमीन पुनर्वास स्थल के रूप में चिन्हित की गई है, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि बिना ग्रामसभा की सहमति के सर्वे कार्य कराया जा रहा है. इसी को लेकर सोमवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा.

ग्रामीणों ने DFO इबिन बेनी अब्राहम, रेंजर रामरतन पांडेय, प्रभारी वनपाल ललन कुमार, वनरक्षी धीरेन्द्र चौबे, विनसेंट लकड़ा, शशिकांत कुमार, रंजित सिंह, विजय सिंह और आनंद कुमार को जंगल में ही रोक लिया. बताया गया कि ग्रामीणों ने अधिकारियों को करीब दो किलोमीटर पैदल चलाकर बलिगढ़ के खेल मैदान तक लाया. इस दौरान डीएफओ पर हमला करने और उनके वाहन को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास भी किया गया. जब वनकर्मी घटना का वीडियो बनाने लगे, तो ग्रामीणों ने उनके मोबाइल छीनने की कोशिश की.

घटना की सूचना पर रंका इंस्पेक्टर अभिजीत गौतम मिश्रा, रंका थाना प्रभारी चेतन कुमार सिंह, भंडरिया थाना प्रभारी सुभाष कुमार और रमकंडा थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह कुंटिया भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की कई घंटे की समझाइश के बाद बंधक बनाए गए वन अधिकारियों को सुरक्षित मुक्त कराया गया.

इस घटना से मंडल डैम पुनर्वास योजना पर फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक ग्रामसभा की अनुमति नहीं दी जाती, तब तक वे सर्वे या भूमि अधिग्रहण का विरोध जारी रखेंगे.

इस मामले पर DFO इबिन बेनी अब्राहम ने कहा, “हम लोग सर्वे कार्य के लिए गए थे. लेकिन ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया. उनकी बात सुनने के बाद हम वापस लौट आए. तीन थानों की पुलिस मौके पर थी। आगे की कार्रवाई की जा रही है.”

रिपोर्ट : धर्मेंद्र कुमार