रांची (RANCHI) : राज्य में राजनीतिक गलियारों की सरगर्मी एक बार फिर तपती हुई नज़र आ रही है. इस बार भी राज्य में चर्चाओं का विषय पक्ष और विपक्ष ही है और अपनी बयानबाज़ियों के कारण अक्सर ही चर्चाओं में रहे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने एक बार फिर कुछ ऐसा कह दिया है जिससे राजनीति गरमा गई है. हाल ही में सूबे के मंत्री ने मीडिया से बात चीत के दौरान यह कहा है कि, "भाजपा की गुंडागर्दी अब हम नहीं चलने देंगे, भाजपा को होश में आना होगा. उन्होंने आगे कहा, बिहार की घटना से हम काफी क्रोधित हैं. मैं नाम नहीं लूँगा, पर भाजपा के एक सांसद ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को गली दी है. इसपर भी हम चुप थे."
मामला तब गरमाया जब मंत्री ने कह डाला की, "अगर हिम्मत है तो बिहार जैसी घटना झारखंड में करके दिखाए, हम भाजपा के सारे कार्यालय तोड़ डालेंगे. भाजपा अब ओछी राजनीति पर उतर चुकी है." उन्होंने भाजपाईयों को चेतावनी तक दी है की, "हम अपने आलाकमान के आदेशों का इंतज़ार कर रहें हैं. भाजपा के लोग अपने कार्यालयों को संभाल कर रख लें."
अब इस मामले पर भाजपा भी कहाँ चुप बैठने वाली थी. इस मामले पर पलवार करते हुए भाजपा से गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने भी सोशल मीडिया पर अखबार कि एक कटिंग के साथ लिखा है, "इरफ़ान भैया आप तो आदेश के बाद भी भाजपा का एक झंडा भी नहीं छू पाएंगे, मैंने तो देवघर के टॉवर चौक पर आपका पूरा कांग्रेस कार्यालय ही ढहा दिया,बरसने वाले मेघ गरजते नहीं?"
इरफ़ान भैया आप तो आदेश के बाद भी भाजपा का एक झंडा भी नहीं छू पाएंगे,मैंने तो देवघर के टॉवर चौक पर आपका पूरा कांग्रेस कार्यालय ही ढहा दिया,बरसने वाले मेघ गरजते नहीं?@RahulGandhi pic.twitter.com/pgQ01AgUiq
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) August 31, 2025
वहीं भाजपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी कहा है, "भाजपा कार्यालयों को तोड़ने का विचार, मंत्री जी की जिहाड़ी मानसिकता और लोकतंत्र एवं संविधान पर विश्वास नहीं रखने का परिचायक है. उन्होंने आगे कहा की राहुल गांधी समेत काँग्रेस के सभी नेता न संविधान को मानते हैं, न भारतीय लोकतंत्र को मानते हैं. और इरफान अंसारी भी शरीयत को और अपने धर्म को, संविधान से ऊपर मानने वाले लोगों में से हैं. आज जिस तरह का बयान इरफान अंसारी ने दिया है, इससे यह साफ हो गया है की वह अपने मानसिक अवस्था को खो चुके हैं.
अब इस पूरे विवाद ने झारखंड की सियासत को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है. सत्ता और विपक्ष के बीच बयानबाज़ी तेज़ हो चुकी है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह राजनीतिक गरमाहट केवल जुबानी जंग तक सीमित रहती है या फिर धरातल पर भी इसका असर दिखता है.
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