धनबाद (DHANBAD) : निरसा के माले  विधायक अरूप चटर्जी सोमवार को इस कदर नाराज हुए कि  निरसा पॉलिटेक्निक के गेट पर ताला लगा दी. इसके बाद तो हंगामा मच गया. हालांकि शाम को धनबाद के उपायुक्त में इस मामले में हस्तक्षेप किया, तो विधायक ने चाबी मैनेजमेंट को लौटा दी. सोमवार के हंगामे की वजह से 30 छात्रों का नामांकन नहीं हो सका. दरअसल, बिना स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के  छात्र का नामांकन लेने से मैनेजमेंट ने इनकार कर दिया. यहीं से बात बिगड़नी शुरू हुई और बिगड़ती चली गई. 

विधायक ने प्रबंधन से स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के लिए   कुछ समय देने और एडमिशन लेने को कहा. लेकिन मैनेजमेंट ने संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद के नियमों का हवाला देकर ऐसा नहीं करने की बात कही. फिर तो बात बिगड़ गई. तीसरे राउंड की नामांकन प्रक्रिया के लिए सोमवार अंतिम दिन था. सूत्रों के अनुसार तीसरे राउंड की काउंसलिंग में चयनित 40 बच्चों का नामांकन होना था. सुबह 8 बजे से प्रक्रिया शुरू हुई. 9 के नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई थी. 31 बाकी थे. इसी दौरान चंदनकियारी  के एक अभ्यर्थी का नामांकन स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के अभाव में रुक गया. उसके बाद यह सब हंगामा खड़ा हो गया. 

विधायक का कहना है कि चंदनकियारी के एक छात्र के पास स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट नहीं था.  मैंने नामांकन प्रभारी को समय देने का अनुरोध किया.  लेकिन उन्होंने बदतमीजी से बात की.  विवश होकर  संस्थान गया, फिर भी अड़े रहे.  उपायुक्त के कहने पर चाबी प्रबंधन  को भेज दी है.  सिर्फ स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के लिए नामांकन रोकना सही नहीं है.  इस मामले को आगे रखेंगे.  प्रबंधन पर कार्रवाई होनी चाहिए.  इधर, पॉलिटेक्निक के प्राचार्य का कहना है कि नामांकन के लिए स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट जरूरी है.  झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद का स्पष्ट निर्देश है कि इसके बिना नामांकन नहीं लेना है.  हमने यह बात विधायक को बताई.  बाद में मामले की जानकारी डीसी को दी.  छात्रों ने नामांकन नहीं होने की शिकायत की है.  देखना है, अब इस मामले में आगे क्या होता है?

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो