रांची (RANCHI): अक्टूबर के महीने में झारखंड में लगातार हो रही बारिश ने लोगों को हैरान कर दिया है. मानो इंद्रदेव ने एक बार फिर सावन-भादो की याद ताजा कर दी हो. पिछले कुछ दिनों से राज्य के कई जिलों, रांची, बोकारो, गिरिडीह, धनबाद, जमशेदपुर और लोहरदगा में गरज-चमक के साथ जोरदार बारिश हो रही है. मंगलवार शाम को भी पूरे प्रदेश में अचानक मौसम बदला और झमाझम बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर अक्टूबर में यह बारिश क्यों हो रही है और इसका झारखंड पर असर क्या पड़ेगा?
पश्चिमी विक्षोभ और नमी का असर
मौसम विभाग के अनुसार, इस बारिश की वजह पश्चिमी विक्षोभ है जो फिलहाल क्षेत्र में सक्रिय है. इसके साथ अरब सागर से लगातार नमी खिंचकर झारखंड और आसपास के राज्यों तक पहुंच रही है. इस कारण वायुमंडल में चक्रवाती दबाव बना हुआ है, जिससे बारिश का सिलसिला जारी है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 3 से 4 दिनों तक झारखंड के कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है.
चक्रवात का दक्षिण भारत से जुड़ा असर
दक्षिण भारत के ऊपर सक्रिय चक्रवाती प्रणाली का प्रभाव भी झारखंड तक पहुंच रहा है. इससे राज्य में तापमान में गिरावट और आर्द्रता बढ़ी है. मौसम विभाग के मुताबिक, झारखंड में मॉनसून की वापसी सामान्य से देर से हो रही है, इसलिए यह बरसात अक्टूबर तक खिंच गई है.
फायदा और नुकसान दोनों
इस बारिश से जहां किसानों को रबी फसलों के लिए नमी मिलने का फायदा है, वहीं पकी हुई धान की फसलों को नुकसान का खतरा भी बढ़ गया है. ग्रामीण इलाकों में कटाई रुकी हुई है और खेतों में पानी भरने से फसलें खराब हो रही हैं. वहीं, रांची और जमशेदपुर जैसे शहरों में जलजमाव और ट्रैफिक की परेशानी से लोग जूझ रहे हैं.
मौसम विभाग का अनुमान है कि 10 अक्टूबर के बाद बारिश का यह दौर धीरे-धीरे थमेगा और मॉनसून आखिरकार झारखंड से विदा लेगा.

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