टीएनपी डेस्क: विश्व प्रसिद्ध पुरी रथ यात्रा में उपयोग में आने वाले रथ के तीन पहिए को लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में स्थापित किया जाएगा. जी हां, संसद परिसर में इन्हें स्थापित किया जाएगा. लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी अनुमति दे दी है. बताया जा रहा है कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को उनकी पूरी यात्रा के दौरान यह प्रस्ताव रखा था.

संसद परिसर में संस्कृति की एक पहचान और एक प्रतीक होगा

मंदिर प्रशासन के प्रमुख प्रशासक अरविंद के अनुसार तीनों पहिए भगवान जगन्नाथ,देवी सुभद्रा और भाई बलभद्र के रथों से निकल जाएंगे. भगवान जगन्नाथ का रथ नदी घोष,देवी सुभद्रा का रथ दर्पदलन और भगवान बलभद्र का रथ ताल ध्वज कहलाता है. इन्हीं तीनों राथों से एक-एक पहिया निकाल कर दिल्ली भेजा जाएगा. जहां संसद परिसर में इसे स्थापित किया जाएगा. 

हम जानते हैं कि 2 साल पहले 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में स्पीकर की कुर्सी के बगल में सेंगोल स्थापित किया था. यह एक बड़ा धार्मिक प्रतीक रहा है. अब भगवान के रथों के पहिए को स्थापित होने से यह दूसरा प्रतीक होगा जो हमारी संस्कृति को परिलक्षित करेगा. हम जानते हैं कि सेंगोल सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक रहा है जिसे अंग्रेजों ने 14 अगस्त 1947 की रात पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौप था. यह सेंगोल 1960 से पहले आनंद भवन और फिर 1978 से इलाहाबाद म्यूजियम में रखा था.