रांची (RANCHI) : रांची में कुड़मी समाज को एसटी में शामिल करने की मांग के विरोध में आदिवासी आक्रोश रैली कर उलगुलान का ऐलान कर दिया है. हजारों आदिवासी मोरहाबादी मैदान में इकठ्ठा हुए. इसके बाद आक्रोश मार्च निकाल कर नारेबाजी करते हुए रांची कॉलेज मैदान पहुंचे, जहां आक्रोश सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में मंच से आदिवासी समाज के लोगों ने हुंकार भरी है. पहले दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रधांजलि दी. उसके बाद आदिवासी नेताओं ने अपनी अपनी बात रखी.

मंच से सम्बोधित करते हुए अजय तिर्की ने कहा कि अब आदिवासी चुप नहीं बैठने वालें है. जो भी हक़ और अधिकारी को छीनने की कोशिश करेगा उसे शांत करने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि झारखण्ड में आदिवासी आदिम काल से रह रहे हैं, जमीन और जंगल उनकी है, लेकिन कुड़मी समुदाय के लोग जमीन और आरक्षण पर हाथ मारने की कोशिश में लगे हैं.

अन्य वक्ताओं ने कहा कि झारखंड के असली मालिक आदिवासी है. लेकिन हक़ और अधिकार के लिए भटक रहे है. अब कुड़मी समाज के लोग राजनीति प्रभाव में आकर एसटी  में शामिल होने की मांग कर रहे है. इस मांग का विरोध अब आदिवासी खुल कर करेगा. किसी भी कीमत पर अपने हक़ अधिकार पर वार होता देख चुप नहीं बैठेंगे. बैठक में स्पष्ट किया गया कि आदिवासी समुदाय किसी भी कीमत पर अपने आरक्षण और भूमि अधिकारों से समझौता नहीं करेगा. सभी संगठनों ने एकमत होकर कहा कि यदि कुर्मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का कोई प्रयास किया गया, तो पूरे राज्य में एक व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा. आदिवासी समुदाय ने "उलगुलान" के नारे के साथ अपने अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.