रांची (RANCHI) : वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री और म्यूटेशन घोटाले में फंसे ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने रांची और हजारीबाग स्थित उनके दोनों शोरूम को सीलमुक्त करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है. इसके बाद अब दोनों शोरूम पर ACB का ताला जस का तस रहेगा.
यह मामला हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस दीपक रौशन की अदालत में सुना गया. विनय सिंह ने रांची के डिबडीह स्थित मोटोजेन और हजारीबाग के नेक्सजेन महिंद्रा शोरूम को खोलने की गुहार लगाई थी. दोनों शोरूम को कांड संख्या 9/2025 के तहत सील किया गया था.
वहीं, इसी घोटाले से जुड़ी एक अन्य याचिका में भी उन्हें राहत नहीं मिली. विनय सिंह ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, लेकिन जस्टिस अंबुज नाथ की अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि ACB के पास उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया ठोस सबूत मौजूद हैं. इस दौरान विनय सिंह की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और ऋषभ कुमार ने पक्ष रखा, जबकि ACB की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुमित गडोदिया और अभिषेक कृष्ण ने बहस की.
गौरतलब है कि ACB ने विनय सिंह को 26 सितंबर 2025 को हजारीबाग में हुई वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद इसी केस में दूसरे आरोपी विजय सिंह को भी ACB ने गिरफ्तार किया. इस प्रकरण में एजेंसी ने कांड संख्या 11/2025 दर्ज की है.

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