रांची(RANCHI): झारखण्ड में DMFT फंड में लूट की कई कहानी सामने आती है.लेकिन अब बोकारो जिला में 631 करोड़ रूपये के घोटाले का आरोप जिला की उपयुक्त पर लगा है. ऐसे में चर्चा है कि आखिर कैसे इतना बड़ा खेल हुआ है.आखिर किसके इशारे पर कमीशनखोरी हुई.और इसका पैसा कहा तक पहुंचा है.अगर देखे तो DMFT यानी District Mineral Foundation Trust क्षेत्र के विकास के लिए बनाया गया है. जिससे उस क्षेत्र की बदहाली दूर की जा सके. जिस इलाके से मिनरल्स निकाले जा रहे है. अब इस फण्ड पर ही घोटाले का आरोप लगा है. जिसके बाद पुरे झारखण्ड में चर्चा का विषय है कि आखिर इस फंड पर किसकी नजर पड़ गई.       

दरअसल मामला बोकारो से सामने आया है और तत्कालीन जिला उपायुक्त विजया यादव पर 631 करोड़ के dmft फंड  करोडो कमाने का आरोप लगा है. 2024-25 और 2025-26 के वित्तय वर्ष में स्कूल, सड़क, लाइट, जेनरेटर लाइट और अन्य चीजों के खर्च पर बाजार दर से 10 गुना ज्यादा भुगतान का आरोप लगा है.बताया गया है कि इस पुरे घोटाले की जाँच जब एक निष्पक्ष एजेंसी करेगी तो मामला सबके सामने होगा. नेता प्रतिपक्ष ने इस पैसे में बड़े अधिकारी से लेकर सरकार में बैठे लोगों का हाथ बताया है.

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डीसी रहते हुए विजया जादव ने बड़ा खेल किया है.इसमें करोडो रूपये का घोटाला कर दिया है.यह किसके इशारे पर हुआ है.यह जाँच का विषय है.क्योकि अकेले जिला के अधिकारी इतने बड़े पैमाने पर घोटाला नहीं कर सकते है.विकास के नाम पर पैसे निकाले गए.सामान के अधिक दाम दिए गए.

अब जान लीजिये की आखिर वह आईएएस अधिकारी कौन है.जिनपर इतना घोटाला का आरोप लगा है.विजया जादव का पूरा जान विजया नारायण राव जादव है.2015 बैच की IAS अधिकारी है.और मूल रूप से महारष्ट्र की रहने वाली है.झारखण्ड में इनकी पहली पोस्टिंग बतौर अनुमंडल पदाधिकारी गिरिडीह के रूप में की गई.इस दौरान भी विजया खुद सुर्खियों में थी.इसी जगह से झारखण्ड में इन्हे कड़क तेवर वाली अधिकारी के रूप में जाना जाने लगा था.इसके बाद हज़ारीबाग़ में उपविकास आयुक्त,पूर्वी सिंघभूम की उपायुक्त और बोकारो DC के रूप में योगदान दे चुकी है.

बोकारो में 13 फ़रवरी 2024 से 28 मई 2025 तक जिला की उपायुक्त के रूप में रही है.इस बीच DMFT के अलावा भी कई बार झारखण्ड में सुर्खियों में रही है.सांसद से लेकर विधायक तक से इनकी नोकझोंक हो चुकी है.विजया की शिकायत झारखण्ड विधानसभा में बोकारो विधायक ने की थी.लेकिन अब जिस तरह से आरोप लगा है इसपर चर्चा कड़क अधिकारी नहीं बल्कि अलग रूप में शुरू हो गयी है.