धनबाद(DHANBAD): झारखंड के चर्चित विधायक जयराम महतो रुकने और थकने वाले नहीं है. 2029 को  टारगेट कर काम कर रहे है.  कोयलांचल के अलावे कोल्हान में भी उन्होंने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी है.  रविवार को कोल्हान के बिष्टुपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन में जो कुछ कहा, इसका मतलब साफ है कि वह 2029 के विधानसभा चुनाव तक अपना दायरा  बढ़ाने का हर संभव प्रयास करेंगे.  रविवार को झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के  कार्यकर्ता सम्मेलन में वह खूब गरजे.  उन्होंने कहा कि भले ही ईस्ट इंडिया कंपनी देश से चली गई है, लेकिन उसका स्वरूप आज भी जीवित है.  टाटा, बीसीसीएल, सेल आदि कंपनियां  आज ईस्ट इंडिया कंपनी की ही स्वरुप है. 

आज भी ईस्ट इंडिया कंपनी की मानसिकता चल रही 
 
जयराम महतो ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी के जरिए अंग्रेजों ने भारत में शासन किया.  अब इन कंपनियों के अधिकारी यहां के लोगों को परेशान कर रहे है.  उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि खनन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों को "हम दो- हमारे दो" की नीति के बजाय "हम दो -हमारे चार " पर अमल करना होगा.  दो बच्चों को विद्रोही बनाने की जरूरत होगी.  उन्होंने कहा कि देश में लोकतांत्रिक तरीके से समस्याओं का समाधान संभव है, लेकिन इसके लिए सत्ता  चाहिए और झारखंड में सत्ता के लिए कम से कम 40 विधायक बनाने की जरूरत होगी.  इसलिए भी पार्टी के कार्यकर्ताओं को आम लोगों से जुड़ने और उनके बीच रहने की जरूरत है.  जयराम महतो ने कहा कि जनता के बीच से ही नेता बनते है.  यह भी इशारों -इशारों में कहा कि हर किसी को टिकट देना भी संभव नहीं है.  हर व्यक्ति चंद्रगुप्त बने यह  जरूरी नहीं, किसी-किसी को चाणक्य भी बनाना  होगा. कोल्हान क्षेत्र जयराम महतो के टारगेट में है. 
 
कोल्हान में झामुमो को कमजोर करने की कई कोशिशें हुई 
 
कोल्हान में झामुमो को कमजोर करने के लिए रघुवर दास ने भी प्रयास किये  तो बाबूलाल मरांडी ने भी हर कोशिश की. कोल्हान में  भाजपा  को मजबूत करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई  सोरेन को विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी  में शामिल कराया गया. गीता कोड़ा को भी भाजपा कांग्रेस से छीनकर लाई ,यह  अलग बात है कि इसका लाभ भाजपा को नहीं मिला.  2024 के विधानसभा चुनाव में भी कोल्हान में झारखंड मुक्ति मोर्चा का दबदबा रहा.  कोयलांचल के कई सीटों पर जयराम महतो  की पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन  किया.  कोल्हान में भी जेएलकेएम का प्रदर्शन बहुत बुरा नहीं रहा.  झारखंड में कोल्हान ,कोयलांचल    और संथाल ऐसे तीन इलाके हैं, जिनमें से दो पर भी जिसने अपना दबदबा कायम कर लिया, वह सत्ता तक पहुंच सकता है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो