रांची (RANCHI) : भारतीय सेना की 8 माउन्टेन डिविजन न केवल युद्ध के मैदान में अपराजेय रही है, बल्कि शांति काल में भी नागरिकों के सहयोग, राहत एवं पुनर्वास के कामों में, उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. ऐसे में मुश्किल से मुश्किल और खतरनाक इलाकों में कार्य करते हुए इस डिविजन ने यह साबित किया है कि देश की सेवा केवल युद्ध में नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में जरूरी होती है. साथ ही करगिल युद्ध की विजयगाथा न केवल एक सैन्य सफलता थी, बल्कि यह अदम्य साहस, अनुशासन और राष्ट्रप्रेम की जीती-जागती मिसाल है. ऐसे में हर वर्ष इस विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का माध्यम हैं, बल्कि युवाओं को प्रेरणा देने वाले अवसर भी होते हैं, जो उन्हें देश के लिए कुछ कर गुजरने का संदेश देते हैं.
इसी कड़ी में फॉरएवर इन ऑपरेशन्स के उपनाम से मशहूर 8 माउन्टेन डिविजन ने युद्ध एवं शांति के दौरान हर चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक निष्पादित कर देश को गौरवान्वित किया है. ऐसे में कारगिल युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए अधिकारियों, सरदार साहिबानों और जवानों के बलिदान एवं साहस को 8 माउन्टेन डिविजन की तरफ से हर वर्ष श्रद्धांजलि दी जाती है. इसी क्रम में गत वर्ष रजत जयंती समारोह मनाया गया था और इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस साल भी करगिल युद्ध विजय दिवस के उपलक्ष्य में 8 माउन्टेन डिविजन के समस्त पदों की ओर से शहीदों की याद एवं सम्मान में भेंट स्वरूप शौर्य एवं बलिदान का प्रतीक, उनके सम्मान में दिया गया है. साथ 26 जुलाई को कारगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है, ऐसे में जितने भी जवान 1999 की लड़ाई में शहीद हुए थे उनके लिए 8 माउन्टेन डिविजन की ओर से यह सम्मान दिया जा रहा है. इसी के तहत कारगिल युद्ध में शहीद नागेश्वर महतो की पत्नी को राजधानी रांची स्थित उनके आवास पर सम्मान स्वरूप भेट दी गई है. वहीं इस मौके पर शहीदों के परिजनों ने कहा की यह पल उनके लिए काफी गौरवान्वित करने वाला है साथ ही कारगिल युद्ध के 26 साल बाद भी उन्हें जो सम्मान दिया जा रहा है वह काफी भावुक करने वाला है.
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