टीएनपी डेस्क(TNP DESK): केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. पूरे देश में एक साथ केंद्र और राज्यों के चुनाव कराए जाने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है.
'वन नेशन, वन इलेक्शन' से क्या होगा फायदा
ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में एक साथ केंद्र और राज्य की विधानसभाओं के चुनाव हो जाएंगे. वैसे इसकी जरूरत पहले से ही महसूस की जा रही थी.कई बार इस पर चर्चा भी हुई है लेकिन अब लगता है कि मोदी सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है. भारत जैसे बड़े लोकतंत्र वाले देश में जहां संघीय शासन व्यवस्था है,वहां हर साल कई विधानसभाओं के चुनाव होते ही रहते हैं. अलग-अलग वर्ष में राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण चुनाव आयोजन से संबंधित खर्च भी अधिक होता है.इसके अलावा विकास कार्यों पर भी इसका प्रतिकूल असर होता है.
संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का क्या है महत्व
ऐसा माना जा रहा है कि संसद के इसी महीने पांच दिवसीय विशेष सत्र काफी महत्वपूर्ण होने जा रहा है. 31 अगस्त को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी कि 18 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पांच दिवसीय विशेष सत्र आयोजित होगा.पांचों दिन बैठकें होगीं. इन बैठकों में वन नेशन वन इलेक्शन के अलावा महिला आरक्षण बिल और समान आचार संहिता से संबंधित बिल पर चर्चा हो सकती है. वन नेशन वन इलेक्शन से संबंधित बल के संबंध में अभी वैसे बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है क्योंकि अभी तो यह कमेटी गठन करने की घोषणा ही हुई है.
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