धनबाद(DHANBAD) : धनबाद के बाघमारा में 22 जुलाई को अवैध कोयला खदान धंसने के मामले को लेकर सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी अभी भी गंभीर है. अपने आरोपों पर अडिग है. उन्होंने धनबाद के डीसी को पत्र लिखकर बचाव कार्य में आने वाले कुल खर्च, उनके सांसद निधि से करने की अनुशंसा की है. साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करने की भी बात कही है. सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने धनबाद के उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि बचाव कार्य में जो भी वित्तीय खर्च आ रहा है या आएगा, संपूर्ण का वहन मेरे सांसद निधि मद से जिला प्रशासन को देने की स्वीकृति तथा सहमति देते है. उन्होंने लिखा है कि मैं यह पत्र बहुत ही वेदना के साथ लिख रहा हु. बता दें कि बचाव दाल को अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है.
आगे कहा है कि मुझे भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 (ए) में प्रदत्त मौलिक कर्तव्यों एवं प्राकृतिक न्याय में गरीब ,शोषित ,अल्पसंख्यकों के शव के अंतिम संस्कार के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त अधिकारों में रक्षा के लिए सांसद निधि मद को खर्च करने की दिशा निर्देश के वैधानिक रूप से अनुपालन करते हुए मैं आपको धनबाद जिला के उपायुक्त के रूप में तत्काल प्रभाव से धंसी खदान में निष्ठा पूर्वक मानवीय संवेदनाओं तथा मानवाधिकार की रक्षा के लिए एनडीआरएफ के 33 सदस्यों को उचित संसाधनों, राहत सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश देता हूं, इस राहत कार्य में आने वाले समस्त खर्च का भुगतान के लिए सांसद निधि मद से खर्च करने की सहमति की अनुशंसा करता हूं,
उन्होंने आगे लिखा है कि 22 जुलाई को उक्त त्रासदी में राहत कार्यों में विलंब तथा आज तक किसी प्रकार की सफलता नहीं मिलना बीसीसीएल तथा कोयला माफिया की अवैध सांठगांठ एवं जिला प्रशासन की भूमिका पर एक प्रश्न चिन्ह है. सांसद ने आगे लिखा है कि आपसे अपेक्षा है कि 27 जुलाई के प्रातः को एनडीआरएफ की टीम को राहत कार्य के लिए समस्त संसाधनों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें अन्यथा मैं बाध्य होकर मृत लोगों के शवों के अंतिम संस्कार के अधिकारों की रक्षा के लिए स्वयं झारखंड उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करूँगा. यह पत्र उन्होंने 26 जुलाई को लिखा है. उन्होंने यह भी लिखा है कि मेरा यह निर्णय मृतकों के शव के अंतिम संस्कार के लिए जनहित में है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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