TNP DESK- बिहार में चुनाव हो और जातीय समीकरण की बात ना हो, ऐसा माना नहीं जा सकता. 2025 के चुनाव परिणाम में जातियों की सीटों में भारी उतार- चढ़ाव दिखा है. जातीय प्रतिनिधित्व में परिवर्तन बिहार में किसी नई राजनीतिक संकेत को भी जन्म दे सकता है. 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में किस जाति से कितने विधायक चुने गए हैं, यह आंकड़ा देखने से बहुत कुछ साफ हो जाता है. एक आंकड़े के मुताबिक 2020 के चुनाव में 55 यादव विधायक चुने गए थे, जबकि 2025 में यादव विधायकों की संख्या 28 हो गई है. 2010 में 10 कुर्मी जाति के विधायक बने थे, 2025 में यह संख्या 25 हो गई है.
2020 में कुशवाहा समाज से 16 विधायक थे, 2025 में संख्या बढ़कर 23 हो गई है. 2020 में वैश्य समाज के 22 विधायक थे, जो इस बार 26 हो गए है. सबसे लंबा छलांग सामान्य जाति में राजपूत समाज ने लगाया है. 2020 में राजपूत विधायकों की संख्या 18 थी, जो इस बार 32 हो गई है. भूमिहार विधायकों की संख्या भी 6 बढ़ी है. 2020 में 17 भूमिहार जाति के विधायक थे, इस बार 23 हुए है. ब्राह्मणों की संख्या भी बढ़ी है. 2020 में 12 ब्राह्मण विधायक चुने गए थे, इस बार 14 चुने गए है. कायस्थ विधायकों की संख्या घटी है. 2020 में तीन कायस्थ विधायक चुने गए थे. इस बार केवल दो जीत पाए है.
पिछड़े वर्ग से 2020 में 21 विधायक बने थे, इस बार केवल 13 ही चुनाव जीत पाए है. 2020 में दलित समाज से 38 विधायक बने थे, इस बार उनकी संख्या 36 है. मुस्लिम बिरादरी से 2020 में 14 विधायक बने थे, 2025 में केवल 11 विधायक जीत पाए है. पिछड़े वर्ग के आंकड़ों में काफी गिरावट देखी गई है. 2020 में 21 विधायक थे, जो 2025 में घटकर 13 रह गए है. पिछड़ा वर्ग के कई नेता अपनी सीट नहीं बचा सके. सामान्य वर्ग में राजपूत और भूमिहार विधायकों की संख्या बढ़ी है, यादवों की घटी है, कुर्मी जाति की संख्या बढ़ी है. पिछड़ा वर्ग के आंकड़ों में काफी गिरावट देखी गई.
2020 के 21 विधायक 2025 में घटकर 13 रह गए. यह संकेत देता है कि इस वर्ग में वोट बिखराव हुआ और कई नेता अपनी सीटें बचा नहीं पाए. दलित विधायकों की संख्या में गिरावट हुई है. दलित विधायक 2020 में 38 थे और 2025 में भी यह संख्या बदलकर 36 रह गई. दलितों का भागीदारी बिहार विधानसभा चुनाव में ज्यादा बदलाव नहीं रहा. 2025 के आंकड़ों में गिरावट मुस्लिम विधायकों की संख्या में दिखती है. 2020 में 14 थे, वहीं 2025 में सिर्फ 11 विधायक जीते. यह गिरावट राजनीतिक दलों की रणनीति, टिकट वितरण जैसे कई कारण हो सकती है. पिछले दो चुनावों की तुलना में यह सबसे बड़ा बदलाव है. 2025 के चुनाव में AIMIM से 5, आरजेडी से 3, कांग्रेस से 2 और जेडीयू से 1 विधायक बने हैं.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

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