धनबाद (DHANBAD) : बिहार में सीट को लेकर झामुमो और महागठबंधन के बीच चल रहे टकराव की बर्फ अब पिघलने लगी है. बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा को सीट देने के लिए तेजस्वी यादव सक्रिय हो गए है. तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया है कि महागठबंधन में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार के महागठबंधन में शामिल होंगे. मतलब साफ है कि भतीजा एनडीए के साथ होगा, तो चाचा महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगे. बिहार में कोऑर्डिनेशन कमिटी की चार बैठकों में झामुमो को नहीं बुलाया गया. झारखंड मुक्ति मोर्चा भी अपना संदेश कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव के पास पहुंचा दिया है.  अब जाकर सक्रियता शुरू हुई है.

एनडीए के खिलाफ महागठबंधन की गोलबंदी तेज 

शनिवार को रामविलास पासवान की जयंती समारोह में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय पहुंचे तेजस्वी यादव ने कहा कि हम सब लोग मिलकर बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि पशुपति पारस जी ने महागठबंधन में आने की इच्छा व्यक्त की है. वह हम लोगों के अभिभावक है. महागठबंधन के जितने भी हमारे सहयोगी दल हैं, हमने उनके सामने  प्रस्ताव को रख दिया है. जल्द इस पर निर्णय ले लिया जाएगा. एनडीए को परास्त करने वाले सभी लोग एक साथ मिल जाएं, इससे बढ़िया और क्या हो सकता है. 

महागठबंधन झामुमो को कितनी सीट देता है, इसपर सबकुछ निर्भर करेगा 
 
उन्होंने कहा कि इसी सिलसिले में मुझे रांची भी जाना था, लेकिन शिबू सोरेन जी की तबीयत ठीक नहीं है. वह अस्पताल में भर्ती है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से बात हुई है. उनकी भी इच्छा थी कि महागठबंधन में आए, हम लोग जल्द ही इस पर फैसला ले लेंगे. खैर, जो भी हो-झारखंड में जब चुनाव हो रहा था तो राजद के नेता रांची में कैंप किए हुए थे और खूब दबाव की राजनीति चली थी. राजद  को 7 सीट  झारखंड में मिली थी. इधर सूत्रों पर भरोसा करें तो झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार में 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाए हुए है. अब देखना है कि महागठबंधन से झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए कितनी सीट छोड़ी जाती है. इस पर ही सब कुछ निर्भर करेगा. झारखंड सरकार में तेजस्वी यादव की पार्टी शामिल है. 

झामुमो 1980 के चुनावों से बिहार की राजनीति में सक्रिय रहा

उल्लेखनीय है कि झामुमो 1980 के चुनावों से बिहार की राजनीति में सक्रिय रहा है. झारखंड बनने से पहले उसे दक्षिणी बिहार में सफलता मिलती रही थी. चकाई सीट पर उसकी जीत भी रही है, हालांकि बाद में वह इसे बरकरार नहीं रख सका. 2010 में सुमित कुमार सिंह के जरिए मिली सफलता के बाद, 2020 में वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते. इस बार झामुमो बिहार के झारखंड से सटे एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों-तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई पर अपनी दावेदारी कर रहा है. इनमें से अधिकतर सीटों पर फिलहाल राजद का दावा है. यहीं आकर पेंच फंस सकता है. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो