धनबाद (DHANBAD) : देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियां के कर्मियों के लिए गुड न्यूज़ है. प्रबंधन ने कोयलाकर्मियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक क्रांतिकारी निर्णय लिया है. कोल इंडिया में फिलहाल 2.25 लाख कर्मी  और 5.50 सेवानिवृत्ति कर्मी है. अब उनके और उनके आश्रित को अपोलो अस्पताल में इलाज की सुविधा मिलेगी. सूचना के मुताबिक कोल इंडिया और अपोलो अस्पताल के बीच गुरुवार को समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. इसके बाद अब कोयला कर्मचारी और सेवानिवृत्ति कर्मचारियों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा बेहतर हो सकेगी. 
 
देश के 44 अपोलो अस्पताल में कर्मियों को इलाज की सुविधा मिलेगी
 
देश के 44 अपोलो अस्पताल में कर्मियों को इलाज की सुविधा मिलेगी. झारखंड में कोल इंडिया की बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल, सीएमपीडीआईएल इकाई काम करती है. झारखंड में सेवानिवृत्ति कोयलाकर्मियों की संख्या भी एक लाख से अधिक है.  ऐसे में अब उन्हें चिकित्सा सुविधा में बड़ी सहूलियत होगी. इस समझौते की खास बात यह है कि सीजीएचएस दर के बजाय टैरिफ आधारित बिलिंग पर इलाज होगा. अपोलो सीजीएचएस दर पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है. इसी कारण  वह कोल इंडिया के पैनल में भी नहीं शामिल था. लेकिन अब अपोलो से किसी को लौटना नहीं पड़ेगा. अपोलो के 44 हॉस्पिटल्स में इलाज की सुविधा मिलेगी. 

प्रकृति के खिलाफ काम करते हुए कोयले का उत्पादन होता है

उल्लेखनीय है कि कोल इंडिया में प्रकृति के खिलाफ काम करते हुए कोयले का उत्पादन होता है. इस वजह से लोगों को बीमारी भी जकड़ती है. ऐसे में कोल इंडिया मैनेजमेंट उनके स्वास्थ्य के प्रति लगातार सुविधा बढ़ाता रहा है. यहां यह भी कहना जरूरी है कि कोल इंडिया में अब रेगुलर कर्मचारियों की संख्या लगातार घट रही है. आउटसोर्स कंपनी की दखल की वजह से रेगुलर कर्मचारियों की नियुक्ति अब नहीं हो रही है. अनुकंपा के आधार पर कुछ नौकरियां जरूर मिल रही है, लेकिन नई नियुक्तियां नहीं के बराबर हो रही है. कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के समय कर्मियों की संख्या जहां लगभग 6 लाख थी, वह आज घटकर सवा दो लाख पहुंच गई है.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो