रांची(RANCHI):  राजधानी रांची के चर्चित हत्याकांड  कमल भूषण में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. तीन साल बाद आखिरकार हत्यारे दोषी करार दिए गए है. एजेसी-3 आनंद प्रकाश के न्यायालय में सुनाया गया. फैसला इस मामले में ट्रायल फेस कर रहे राहुल कुजूर, डबलू कुजूर,काविस अदनान को धारा 302 आईपीसी के तहत दोषी करार पाया गया. सजा की बिंदु पर 22 सितंबर को फैसला सुनाया जायेगा. इस मामले में सुशीला कुजूर को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया. जबकि इस केस में सरकारी गवाह बने मुनव्वर अफाक को भी बरी कर दिया गया. 

बता दें कि कमल भूषण रांची के बड़े जमीन का काराेबारी में सुमार थे, लेकिन साल 2022 में उनकी हत्या कर दी गई. हत्या के बाद जो तथ्य  निकल कर सामने आये उससे हर कोई चौक गया. कमल भूषण की बेटी ने राहुल कुजूर से प्रेम विवाह किया था. जिससे कमल नाराज रहे थे. वहीं राहुल को प्रेम के साथ रुपए-पैसा का भी जुनून था. पैसे को लेकर दाामद और ससुर में बकझक भी होती रहती थी. राहुल को आशंका थी कि कहीं कमल भूषण उसकी हत्या न करा दे.

इसलिए उसने ही ससुर को रास्ते से हटाने का निर्णय ले लिया ताकि पॉवर और माल-जायदाद पर भी कब्जा किया जा सके. तीन माह पहले मर्डर का प्लान बना लिया गया. अब तलाश पिस्टल और गोली की थी. जब हथियार मिल गए तो कमल भूषण की जान ले ली गई. हथियार मिलने के बाद 27 मई से कमल भूषण की रेकी शुरू कर दी गई थी. सुबह में घर से निकलने और रात में घर पहुंचने तक कमल भूषण पर नजर रखा जा रहा था.

हत्याकांड में एक महिला समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. आरोपियों में कमल का दामाद राहुल कुजूर, समधी डब्ल्यू कुजूर, समधिन सुशीला कुजूर, समधी का ड्राइवर मुनव्वर अफाक और दमाद का दोस्त काविश अदनान शामिल है. तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया था कि कमल की हत्या पैसे के विवाद और बेटी के प्रेम विवाह का विरोध करने के कारण हुई.

एसएसपी ने यह भी बताया था कि राहुल अपने दोस्त काविश के साथ हथियार लेकर आया था. डब्ल्यू लगातार जमीन कारोबारी की रेकी कर रहा था और उसकी गतिविधि की जानकारी अपने बेटे राहुल को दे रहा था. राहुल ने खुद अपने ससुर कमलभूषण को गोली मारी, उसके बाद दोनों देवी मंडप रोड की ओर भागे. वहां पहले से राहुल के पिता डब्ल्यू अपने ड्राइवर मुनव्वर के साथ कार लेकर तैयार था. वह राहुल और काविश को कार में बैठाकर रातू थाना क्षेत्र स्थित आवास पहुंचा, वहां डैम साइड झाड़ी में दो पिस्तौल छुपाकर पहले कोलकाता और फिर दिल्ली भागा था लेकिन पुलिस की टीम ने उन्हें दिल्ली जाकर गिरफ्तार किया था.