धनबाद (DHANBAD) : देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया और इसकी  सहायक कंपनियों के कर्मियों में दुर्गा पूजा एक बड़ा उत्साह लेकर आता है. उत्साह पूजा में बोनस को लेकर रहता है. बोनस की राशि को किस मद में और कैसे खर्च करनी  है, इसकी गणना कर्मी पूरे साल करते है. इस वर्ष दुर्गा पूजा 22 सितंबर से शुरू होने जा रही है. इसको लेकर झारखंड से लेकर बंगाल सहित अन्य राज्यों में  बोनस की चर्चा तेज चल रही है. कोयलाकर्मी उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार उन्हें 2024 से अधिक बोनस मिल सकता है. मतलब बोनस की राशि एक लाख पार कर सकती है. यहां बताना जरूरी है कि 2024 में कोयला कर्मियों को 93,750 रुपए बोनस मिले थे. जबकि 2023 में बोनस की रकम 85 ,000  थी. 2023 के पहले के साल में जैसे-जैसे बढ़ते जाएंगे, बोनस की रकम कम होती चली जाएगी.   
 
2023- 24 में कोल इंडिया का मुनाफा अधिक हुआ है
 
2023- 24 में कोल इंडिया का मुनाफा अधिक हुआ है. इसलिए भी कोयलाकर्मियों को उम्मीद है कि इस साल सालाना बोनस पिछले साल की तुलना में अधिक मिलेगा. यहां यह बताना जरूरी है कि पिछले महीने कोयला उद्योग में देशव्यापी हड़ताल के दौरान मजदूर संगठनों ने कोयलाकर्मियों को भरोसा दिया था कि अगर हड़ताल सफल होती है, तो बेहतर बोनस के लिए प्रबंधन पर दबाव बनाया जाएगा. हर साल बोनस का फैसला जेबीसीसीआई मानकीकरण समिति की बैठक में होता है.  

मानकीकरण की बैठक 23 सितंबर को दिल्ली में प्रस्तावित

जेबीसीसीआई मानकीकरण की बैठक 23 सितंबर को दिल्ली में प्रस्तावित है. इस बैठक में बोनस पर मुहर लग सकती है. बता दें कि बोनस की रकम कोयलाकर्मियों के बैंक खाते में आती है. रकम आने से बैंक वालों की भी बल्ले बल्ले रहती है.  झारखंड में भी भारी मात्रा में कोयलाकर्मियों को बोनस मिलता है. कोल इंडिया की तीन अनुषंगी इकाई झारखंड में काम करती है. ईसीएल का कुछ हिस्सा भी झारखंड में पड़ता है. बीसीसीएल और सीसीएल तो पूरी तरह से झारखंड में ही काम करती है. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो