साहिबगंज(SAHIBGANJ):एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आपकी योजना,आपकी सरकार,आपके द्वार कार्यक्रम चलाकर पूरे राज्य में  कार्यक्रम चलाकर आदिवासी बहुल्य इलाको में बसे लोगों को जागरूक किया, ताकि सरकार के हर व जनकल्याणकारी व महत्वाकांक्षी योजना ओं का लाभ सीधा ग्रामीणों को मिल सके.लेकिन शायद अबुआ हेमंत सरकार की यह सपना उनके भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से सिर्फ कागजातों पर ही सिमट रहा है.ताजा मामला सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा क्षेत्र में आने वाले साहिबगंज जिला से सामने आया है.जहां तालझारी प्रखंड पर स्तिथ वृंदावन पंचायत क्षेत्र के दमगी टोला गांव में करीब 26 साल बाद काफी जद्दोजहद के बाद डीएमएफटी योजना के तहत सड़क का कार्य कराया जा रहा है.

25 लाख की लागत से पीसीसी सड़क का हो रहा है निर्माण

आपको बताये कि राज्य अलग होने के बाद आज तक गांव में सड़क नहीं बनी थी. लोगों को बेहद उम्मीद था कि अबुआ सरकार के कार्यकाल में उनके गांव का विकास जरूर होगा,और हुआ भी राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर डीएमफटी मद के करीब 25 लाख रुपया के लागत से पीसीसी सड़क का कार्य कराया जा रहा है.मानो ऐसा लग रहा है कि जिम्मेदार कन्य अभियंता ने सरकार व जिला प्रशासन को बदनाम करने की ठेका ले रखा हो.

जैस-तैसे हो रहा है सड़क निर्माण

दुर्भाग्य दमगी टोला गांव के ग्रामीणों का  है कि उनके गाँव में पीसीसी सड़क का निर्माण कार्य सही से नहीं हो रहा है.आरसीडी विभाग के स्थानीय कन्या अभियंता (जेई) और दलाल एजेंसी की मिलीभगत से जैसे-तैसे सड़क का कार्य कराया जा रहा है.दमगी टोला गांव के ग्रामीणों ने जिम्मेदार अधिकारी पर अनदेखी करने का गंभीर आरोप लगाते हुए जिले के उपायुक्त हेमंत सत्ती से मामले में जांच कर कठोर से कठोर कार्रवाई करने की मांग किया है.गांव के दर्जनों का आरोप है कि उनके गांव में जो पीसीसी सड़क का कार्य कराया जा रहा है.वह ज्यादा दिनों तक टिकने वाला नहीं है.क्योंकि एजेंसी के द्वारा मानक की अनदेखी कर कार्य कराया जा रहा है.

घटिया किस्म के सीमेंट बालू का हो रहा है इस्तेमाल

सड़क निर्माण कार्य में घटिया किस्म के सीमेंट और पियोर मिट्टी वाला बालू का उपयोग कर जैसे तैसे कार्य किया जा रहा है.जब कि एक तरफ पीसीसी सड़क का कार्य किया जा रहा है कि और दुषरे तरफ सड़क फटकर टूट रहा है.आगे ग्रामीणों ने बताया कि घटिया सड़क की निर्माण कार्य को लेकर हमलोगो ने कई बार स्थानीय मुखिया से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों तक को शिकायत किया है लेकिन किसी ने नहीं सुना और ठीकेदार के द्वारा लगा तार घटिया किस्म के मैटीरियल का उपयोग कर उसी तरह कार्य किया जा रहा है.

निर्माण में बरती जा रही है अनियमितता

एनआरईपी विभाग से पीसीसी सड़क कार्य करने का नियम-एनआरईपी विभाग के द्वारा कहीं भी पीसीसी सड़क का निर्माण कार्य किया जाता है.तो सब से पहले उबड़-खाबड़ वाले जमीन को रोलर चलाकर उसको समतल किया जाता है.लेकिन इस सड़क के निर्माण कार्य में किसी का प्रकार का कोई रोलर नहीं चलाया गया है.इसके बाद ढलाई के समय समतल जमीन व सड़क पर दो नों साइड 8-8 इंच के मजबूत तख्ता लगाकर उसमे मैटीरियल को डाला जाता है.लेकिन यहां तो मात्रा 4 से 5 इंच की सड़ क का कार्य किया जा रहा है.इसके आलावा खासकर पीसीसी सड़ क के कार्य में मैटीरियल के साथ भायभेटर भी करना है,लेकिन यहां तो वह भी नहीं किया जा रहा है तो आप समझ सकते है कि यहां पर कैसे कार्य किया जा रहा है.

देखरेख  करनेवाला कोई नहीं है

इसके आलावे दिलचस्प बात यह भी है कि कहीं पर भी सरकारी योजना का कार्य होता है उमसे कन्य अभियंता की उपस्तिथि अनिवार्य है.क्योंकि उनके देखरेख में ही कार्य होना चाहिए.लेकिन जब से दमगी टोला गांव में कार्य शुरू हुआ है तब से लेकर जिम्मेदार अधिकारी जिला छोड़कर फरार हो गए है.और दलाल ठीकेदार के द्वारा जैसे-तैसे कार्य कर सिर्फ और सिर्फ क्लोम को पूरा किया जा रहा है.इसको देखने वाला ना तो कोई जिम्मेदार अधिकारी है और ना ही जनप्रतिनिधि.इधर जब मामले को लेकर द"न्यूज़ पोस्ट की टीम ने स्थानीय पंचायत के मुखिया पौलुस मुर्मू से जानकारी लिया तो उन्होंने भी जिम्मेदार कन्य अभियंता पर कई बड़े आरोप लगाते हुए कहा कि हमने ग्रामीणों की शिकायत पर पहले ही कन्य अभियंता को हिदायत दिया था.लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुना और ना ही कार्य में किसी प्रकार का कोई सुधार हुआ,अब हम इसको लेकर जिले के उपायुक्त हेमंत सत्ती व जिम्मेदार अधिकारी को पत्र लिख कर अविलंब कार्रवाई करने की मांग करेंगे,ताकि हमारे पंचायत के ग्रामीणों को बेहतर तरीके से सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके.

रिपोर्ट-गोविंद  ठाकुर