धनबाद (DHANBAD) : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन धनबाद के मेघा डेयरी प्लांट का उद्घाटन किया था. यह उद्घाटन अक्टूबर के 2008 में हुआ था. उम्मीद जगी थी कि धनबाद के दूध उत्पादकों को बड़ी राहत मिलेगी और यहां के लोगों को भी अपने इलाके की डेयरी से दूध मिल सकेगा, लेकिन यह सपना अभी भी सपना ही बना हुआ है. अलबत्ता शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन अभी झारखंड के मुख्यमंत्री है. गांव-किसान की बात करते है. उनकी आर्थिक उन्नति की बात होती है. ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि धनबाद डेयरी पर मुख्यमंत्री का ध्यान जाएगा और यहां के लोगों को कुछ लाभ मिल पाएगा. लेकिन फिर वही सवाल कि क्या ऐसा कुछ हो पाएगा. धनबाद का मेघा डेयरी प्लांट आज अपने बदहाली के दौर से गुजर रहा है.
2008 के अक्टूबर महीने में उस समय के झारखंड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने इस प्लांट का उद्घाटन किया था. उस समय धनबाद के सांसद ददई दुबे थे और पशुपतिनाथ सिंह धनबाद के विधायक थे. ऐसा लगा कि धनबाद को एक बहुत बड़ा तोहफा मिल गया है. दूध उत्पादकों को बड़ी राहत मिलेगी. हालांकि अब यह सिर्फ कलेक्शन सेंटर बनकर रह गया है. दूध उत्पादक यहां दूध पहुंचाते हैं और दूध धनबाद से रांची भेज दिया जाता है. दूध में मौजूद फैट के आधार पर दूध की कीमत तय की जाती है. तीन से लेकर 10 के बीच इसकी गणना की जाती है. सबसे अधिक फैट वाले दूध की कीमत दूध उत्पादकों को 71 रुपए मिलती है.
यह अलग बात है की प्रति लीटर दूध पर चाहे वह किसी भी फैट का क्यों नहीं हो, सरकार की ओर से प्रति किलो ₹5 दूध उत्पादकों को सब्सिडी दी जाती है. धनबाद के बरमसिया में स्थापित इस प्लांट में मशीन तो हैं लेकिन वह किसी काम की अब नहीं रह गई है. दूध देनेवालो का भुगतान रांची से उनके खाते में होता है. केवल पंजीकृत दूध उत्पादकों से ही दूध की खरीद होती है. रघुवर सरकार में रणधीर सिंह जब झारखंड के कृषि मंत्री थे, तो वह धनबाद आए थे.उन्होंने कहा था कि इस प्लांट का नए तरीके से उद्घाटन होगा, लेकिन वह सब बाते केवल कागज पर ही रह गई.
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