धनबाद (DHANBAD) : झारखंड के इस कुख्यात अपराधी पर चार लाख  के इनाम थे, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा था. अब इनाम की राशि 10 लाख रुपए करने की तैयारी थी. लेकिन इसके पहले ही वह यूपी एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में मारा गया. धनबाद का कुख्यात आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह महंगे कपड़े का शौकीन था और इसी शौक ने उसे अपराध की दुनिया की तरफ खींच ले गया. लेकिन उसका भी अंत वैसा ही हुआ, जैसा दूसरे अपराधियों का होता है. सूत्रों के अनुसार आशीष रंजन एके -47 के साथ लोगों को डराने के लिए वीडियो भेजता था. गैंगस्टर अमन सिंह भी छोटू सिंह के नाम से ही लोगो को धमकाता था.  

गैंगस्टर अमन सिंह भी छोटू सिंह के नाम से ही धमकी देता था 

आशीष रंजन के धनबाद आने की कई बार सूचना पर धनबाद पुलिस ने जांच अभियान भी चलाया था. हालांकि वह पुलिस के हाथ नहीं लग पाया. प्रयागराज में एसटीएफ के एनकाउंटर में मारा गया. आशीष रंजन धनबाद के लिए आतंक बना हुआ था. धनबाद पुलिस चार मामलों में उसके घर कुर्की जब्ती कर चुकी थी. 6 से अधिक मामलों में उसके घर कुर्की के इश्तेहार चिपकाए गए थे. उसके खिलाफ धनबाद में हत्या सहित 19 आपराधिक मामले दर्ज है. धनबाद पुलिस भी लगातार उसे पकड़ने में लगी हुई थी.  एक टीम उसे पकड़ने के लिए दूसरे राज्य में कैंप कर रही थी. आशीष रंजन झारखंड एटीएस के भी निशाने पर था.  
 
2019 में वह जमीन कारोबारी की हत्या कर अपराध की दुनिया में कदम रखा 

सूत्र बताते हैं कि जमीन कारोबारी समीर मंडल की हत्या के बाद 2019 में वह अपराध की दुनिया में कदम रखा. 2020 में उसे जेल भेजा गया. जेल में उसकी मुलाकात धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के आरोप में बंद यूपी के गैंगस्टर अमन सिंह से हुई थी. बाद में उसे समीर मंडल हत्याकांड में जमानत मिल गई. जेल से तो वह बाहर निकला, लेकिन अपराध की दुनिया में घुसता चला गया. जेल से निकलने के बाद वह अमन सिंह का खास आदमी बन गया था. जानकार बताते हैं किअमन सिंह भी झारखंड के कारोबारियों से छोटू सिंह के नाम पर ही धमकी देता था. अमन सिंह के कहने पर छोटू सिंह किसी की भी हत्या के लिए तैयार हो जाता था. 

आगे चल कर अमन सिंह और छोटू सिंह बढ़ गया था विवाद 

बाद में अमन सिंह और छोटू सिंह के बीच विवाद हो गया और उसके बाद 3 दिसंबर 2023 को धनबाद जेल में अमन सिंह की हत्या करा  दी गई.  अमन सिंह की हत्या के बाद एक ऑडियो जारी कर छोटू सिंह ने  हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी. यह भी  बताया जाता है कि जब उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने उसे ललकारा तो एसटीएफ को भी धमकी दी.  उसने कहा कि उसके रास्ते से हट जाए, नहीं तो ढेर कर  दिए जाएंगे. वह फिलहाल उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, मध्य प्रदेश सहित नेपाल में सक्रिय था. उसका सबसे बड़ा सहयोगी प्रयागराज का ही रिंकू सिंह उर्फ धर्मेंद्र प्रताप सिंह था. रिंकू के बारे में बताया जाता है कि वह गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी का खास आदमी रह चूका है. धनबाद के नीरज सिंह हत्याकांड में भी रिंकू सिंह जेल गया था, लेकिन बेल मिलने के बाद वह फरार चल रहा है. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो